अमड़ा के उपयोग से सेहत को होते है ये 15 फायदे और नुकसान

Aamratak ke fayde aur upyog in hindi आम्रातक अपने स्वस्थ गुणों से संपन्न होता है। इसे विभिन्न नामो  से जैसे -अमड़ा, आम्बा, आम्रातक,  इत्यादि। इसका उपयोग स्वादिष्ट अचार, सब्जी, चटनी  आदि बनाने में किया जाता है।   

अमड़ा के उपयोग से सेहत को होते है ये 15 फायदे और नुकसान



आपको बता दे कि यह भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी राज्यों में अधिक पाया जाता है।  इससे कई प्रकार के शारीरिक रोग दूर हो सकते है।  बहुत कम लोग इससे परिचित है आईये इसके चमत्कारी लाभों के बारे में जाने। 

अमड़ा(Spondias Mangifera) को पकी और कच्ची दोनों तरह से उपयोग कर सकते है।  सबसे पहले इसके कुल, वंश, जाति के बारे में जानेंगे और फिर इसके गुण, दोष और फायदे। 

अमड़ा में पायें जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व (Amratak ke poshak tatva)

  • कैल्शियम
  • प्रोटीन
  • विटामिन A, C, B1, B2, B6 आदि
  • फास्फोरस
  • आयरन
  • आयोडीन
  • शर्करा

अमरतक का बाह्य स्वरुप व आकृति  (Amratak ki akriti)

खुशबु से युक्त aamratak के वृक्ष की ऊंचाई(height) लगभग 24 मीटर के तक होती है और इसकी छाल पीपल के छाल के तरह होती है। इस पेड़ के गोंद को पानी में डालने पर वह फैल जाता है।  अमरतक का फूल हरा, गुलाबी और सफ़ेद रंग का हो सकता है और फूल के बीच में ही फल लगा होता है। 

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)

Spondias pinnata

कुल (Family)

Anacardiaceae

हिंदी (Hindi)

अम्बाड़ा, अमड़ा, अमरा, आमड़ा

अंग्रेजी (English)

Common hog plum

संस्कृत (Sanskrit)

आम्रातक, पीतन, मर्कटाम्र, कपीतन

अन्य (Other)

अमारा (नेपाली) आमडा (बंगाली) आम्बूला (उड़िया) अम्बालम (मलयालम) अंबालमु (तेलुगु)

अमड़ा के गुण, धर्म और दोष

गुण (Qualities)

स्निग्ध (oily), गुरु (heavy)

दोष (Dosha)

कफपित्तवर्धक (increase cough, pitta), वातशामक (pacifies vaata) 

रस (Taste)

कषाय (astringent), मधुर (sweet), अम्लीय (sour)

वीर्य (Potency)

उष्ण (hot) (कच्चा फल), शीत (cold) (पका फल)

विपाक(Post Digestion Effect)

मधुर (sweet)

अन्य (Others)

रुचिकारक, वातशामक, रक्तविकार कारक


अमड़ा के स्वास्थ्य उपयोग और फायदे - Health benefits of Amartak 

1. नाक से सबंधित समस्याओं के लिए

आयुर्वेदाचार्य  अनुसार अमड़ा उपयोग से नाक से जुडी प्रॉब्लम्स से निजात मिल सकती है इसके लिए अमड़ा की छाल को पीस कर बकरी के लगभग एक गिलास में मिलाये और पी लें। इससे बंद नाक, साइनस, श्वसन परेशानी दूर हो सकती है। 

2. गले के दर्द से राहत दिलाये -  (Amratak for throat problems)

 बैक्टीरिया या संक्रमण के कारण कई बार गले में पीड़ा हो जाती है। कच्चे अमड़ा का सेवन करने से गले के संक्रमण से बहुत राहत मिलती है। 

3. पेट से जुडी की समस्या में राहत

यदि अमड़ा के छिलको को आप आप घिसकर रस निकालते है और करीब दो चम्मच रस का करते है तो अतिसार की परेशानी से निजात मिल सकती है। इसके अलावा इसकी पत्तियों के चूर्ण  उपयोग से भी पेट  कई बीमारी से आजादी मिलती है।

4. एसिडिटी दूर करे (Amratak for acidity)

अधिक तीखा। मसालेदार खाने से एसिडिटी या सीने में जलन होने लगती है अमड़ा फल के रस में चीनी  डालकर दिन में दो बार सुबह-शाम सेवन करने से यह तकलीफ दूर होती है। 

5.  आम्रातक ला भ कान दर्द में   (Amratak for ear ache)

कोई कान दर्द यदि से पीड़ितहै तो वह इसकी पत्तियों के रस निर्मित दर्द का शमन होता है। 

6. स्किन प्रोब्लेमस से मुक्ति

यदि आपको त्वचा से सबंधित कोई भी समस्या है तो अमड़ा को इस्तेमाल करे। कच्चा अमड़ा रक्त प्रवाह को बेहतर करता है जिससे चेहरे की चमक(glow) बढ़ती है।  इसके अतिरिक्त पिंपल्स और अन्य स्किन से जुडी समस्या ठीक हो सकती है। 

7.अर्थराइटिस(गठिया) दर्द से राहत

आज गठिया की समस्या से अधिकतर लोग जूझ रहे है। न सिर्फ बड़े बुजुर्गों बल्कि कम उम्र के व्यक्तियों में भी इस परेशानी का शिकार है। अर्थराइटिस के शिकार हो रहे हैं। आयुर्वेदाचार्य बताया हैं कि गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए इसके छिलको से तैयार पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से सूजन और दर्द से आराम मिलता है।  

8.पाचन मजबूत करे  (Aamratak for strong digestion)

जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है उन्हें इस औषधिये गुणों वाले फल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। पका हुआ अमड़ा  पाचक अग्नि  बढ़ावा देता है और भोजन आसानी से पचने  मदद होती है|

9. मासिक धर्म नियमित करे

अमड़ा(amda) का खाने से महिलाओं की माहवारी(menstrual problem)सबंधित समस्या भी दूर हो सकती है। आयुर्वेदाचार्य  अनुसार अगर आपको किसी महिला को नियमित पीरियड्स नहीं आते है तो वे अमड़ा की जड़ का उपयोग करे। इसका पेस्ट बनाकर इसे एक गिलास पानी मिलाकर पिए। इसके अलावा दौरान होने वाले अधिक पेट दर्द, बुखार भी राहत मिल सकती है। 

10. नाक से खून(नकसीर) में (Amratak for blood bile)

रक्तपित्त या नकसीर से पीड़ित लोगो को इस पके हुए फलों का इस्तेमाल करना चाहिए| यह फल  पित्त को शांत और रक्त को साफ़ करता है|

11. आम्रातक घाव को ठीक करे 

मधुमेह रोगियों के लिए गंभीर चोट भरने में बहुत समय लगता है  संक्रमण का  बना रहता है अमड़ा फल या पत्तो का लेप घाव पर लगाने से घाव शीघ्र भरने लगता है और दर्द से भी मुक्ति मिल सकती है।

12. सूजाक में आम्रातक का लाभ

सूजाक रोग भागने के लिए इस फल की छाल काऔषधि रूप में काढ़ा बना कर पिए | इससे रोग का शमन जल्दी होगा। 

13. कान में दर्द का शमन करे 

अमड़ा को कान में दर्द दूर करने के लिए भी आयुर्वेदिक रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आम्रातक की पत्तो के रस को 2 से 3 बून्द कान में डाले।  तो  के पत्तियों से रस निकाल लें। 

14. ह्रदय को बल दे आम्रातक -Amratak benefits for heart disease

आम्रातक का औषधिये गुण ह्रदय रोगों से लड़ने में आपके ह्रदय को बल प्रदान कर सकता है। 

15. डायरिया में राहत दे 

अमड़ा का यूज डायरिया में आराम पाने के लिए आप छाल को दो कप पानी में आधा रह जाने तक उबाले और गुनगुना हो जाने पर सेवन करे। 

आम्रातक के कौन से भाग उपयोगी है - (important parts of Amratak)

  • छाल
  • पत्ते
  • फल
  • जड़

आम्रातक का सेवन विधि - Dosages of Amratak in hindi

चिकित्सक के अनुसार चूर्ण- 1 से 5 ग्राम के बीच 

अमड़ा के नुकसान (Amda Side Effects in hindi)

अमड़ा स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है लेकिन जरुरत से अधिक सेवन करने से नुकसान कर सकता है। वैसे तो  स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन अगर आप इसका सेवन जरूरत से ज्यादा करते हैं तो इससे सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। 

इसमें विटामिन c बहुत है अधिक मात्रा में इसे लेने से दस्त, डायरिया की शिकायत हो सकती है।  इसलिए किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सेवन के पहले सलाह ले। 

स्वास्थ्य के लिए कालमेघ 9 फायदे, नुकसान और उपयोग का तरीका

अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा के सेवन से मिलते है ये फायदे