ब्रह्मांड से जुड़वां लपटों के संकेत की पहचान कैसे करें? - Signs Of Twin Flame

Signs Of Your Twin Flame In Hindi आपने सोलमटे और कार्मिक सम्बन्धो के बारे में सुना होगा वही ट्विन फ्लेम जिसे जुड़वाँ लौ कहते है यदि आप इसमें यकीन रखते है और जानना चाहते है कि यह किस प्रकार का रिश्ता होता है इसकी पहचान कैसे करे तो आज इस आर्टिकल में आपको जुड़वाँ लपटों के बारे में कई प्रश्नो के उत्तर मिल सकते है। 

ब्रह्मांड से जुड़वां लपटों के संकेत की पहचान कैसे करें? - Signs Of Twin Flame


ब्रह्मांड से जुड़वां लपटों के बारे में क्या संकेत मिलते है इससे पहले यह जानिए की ट्विन फ्लेम होता क्या है?

ट्विन फ्लेम का मतलब क्या होता है? - What Is Twin Flames In Hindi

ट्विन-जुड़वाँ और फ्लेम यानि लौ, यहाँ लौ का अर्थ आत्मा से है जिसमे एक ही आत्मा के दो हिस्से कर दिए जाते है और धरती पर इन्हे दो अलग शरीर प्राप्त होता है। यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं है कि सभी का ट्विन फ्लेम हो, आपका आध्यात्मिक विकास दूसरे कारणों से भी हो सकता है। यह connection कार्मिक और सोलमटे से अलग है। 

कुछ लोग शुरुवात में अपने कार्मिक को ही अपनी जुड़वाँ लौ समझने लगते है क्योंकि उन्हें उससे अट्रैक्शन महसूस होता है तो आपको लगता है कि वह आपका ट्विन है लेकिन वह कार्मिक भी हो सकता है इसलिए सतर्क रहे और अपने व्यक्तित्व का विकास करे। 

जुड़वां लौ क्यों आती है ?

ट्विन फ्लेम मुख्यतः आपको अपने मकसद को याद दिलाने और आपके आध्यात्मिक विकास करने के लिए आते है। धरती पर आकर जब आप अपना मकसद भूल जाते है और अपने आध्यात्मिक और व्यक्तिगत का विकास पर ध्यान नहीं देते है तब आप अपने ट्विन फ्लेम से मिल सकते है।  शुरुवात में आपको रोमांटिक कहानियो जैसा लगता है लेकिन फिर उसके पीछे भागने और अलगाव के बाद आपको दर्द मिलने लगता है यह दर्द ही आपकी आध्यात्मिक जाग्रति में सहयता करता है जिससे अपने मकसद की ओर बढ़ते है। 

वही यदि आप शादीशुदा है तो भी ट्विन फ्लेम आ सकते है ऐसे में लोग अपनी शादी तोड़ने तक का ख्याल करने लगते है लेकिन आपको ध्यान रखना चाहिए यदि ईश्वर ने आपको आपका जीवनसाथी दिया है और आपकी लाइफ अच्छी चल रही है तो तोड़ने के बजाये अपनी सेल्फ पर ध्यान दे हालांकि यह मुश्किल है। 

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तीव्र आकर्षण और अपनपान 

ट्विन फ्लेम या जुड़वाँ लौ जुड़वां लौ की पहचान के लिए सबसे पहला पहचान यह कि आप एक तीव्र अट्रैक्शन मसहूस कर सकते है जैसे कि दोनों पहले से ही एक दूसरे को जानते हो। दोनों को ही अपनेपन का एहसास होता है और एक दूसरे को पाने की चाहत होने लगती है। 

पूर्णता का एहसास 

आपके अंदर हमेशा एक खालीपन रहता था लेकिन ट्विन से मुलाकात के बाद यह दूर होने लगता है, यही व्यक्ति है जिसकी हमेशा से आपको जरुरत थी।  इस रिश्ते में असीम ख़ुशी से लेकर असीम दुःख और भावात्मक उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन यह सब किसी विशेष कार्य के लिए होता है जिसे आप उस वक्त नहीं समझते है। 

इस रिश्ते में आप अपने ट्विन को स्वयं में महसूस करने लगते है लेकिन यह अवस्था तब आती है जब आप ईश्वर के बिल्कुल पहुंच जाते है जहां आपको अपने जुड़वाँ लौ को पास रखने का ख्याल नहीं आता है बल्कि वह आपके अंदर समा जाता है जैसे स्त्री और पुरुष दोनों ऊर्जा आपमें ही हो।  अब आप सिर्फ टेलीपैथी द्वारा अपने मन की बाते साँझा करते है। 

रनर और चेसर का दौर 

जुड़वाँ लौ कनेक्शन का बहुत मुख्य पहचान है जिसमे आपका ट्विन आपसे भगाता है दूर होना चाहता है ऐसा इसलिए नहीं कि उसे आपसे प्रेम नहीं बल्कि यह भावात्मक उथल-पुथल के वजह से होता है वह आपको एक्सेप्ट नहीं कर पा रहा होता है और इसलिए भी क्योंकि यह आपका समय है आध्यात्मिक दुनिया कदम रखने का और तभी होगा जब उसके पीछे भागना बाद करने लगेंगे।  आमतौर पर फीमेल चेसर होती है और इनकी आध्यात्मिक जाग्रति पहले होती है। 

धैर्य और चुनौतीपूर्ण रिश्ता 


ट्विन फ्लेम एक बाधाओं से भरा धैर्य युक्त कनेक्शन होता है जहां आपकी कई बार परीक्षा ली जाती है।  लेकिन यह चुनौती आपको मजबूत कर मकसद के करीब ली जाती है।  शुरुवात में आप अपने जुड़वाँ लौ को पाने के लिए सभी तरह की परीक्षाएं देने को तैयार रहते है, लेकिन धीरे-धीरे जानने लगेंगे कि यह सिर्फ भौतिक रूप से ट्विन को पाना नहीं बल्कि उसे स्वयं में ढूंढ कर पूर्ण करने आध्यात्मिक विकास करना है। 

हीलिंग स्टेज 

जुड़वां लपटों के रिश्ते में आप अपनी अतीत की बुरी यादो जो आपको वर्तमान में भी परेशान करती है इससे छुटकारा पाने  करती है क्योंकि आप दोनों एक दर्पण  के सामान में जो आप दोनों की खुबिया दिखाने  के साथ ही डर, कष्ट, पुराना ट्रॉमा आदि भी दिखाता है। इन सभी से शुद्ध होकर एक नयी यात्रा(spiritual journey  ) में कदम रखते है। 

आत्म परिवर्तन 

ट्विन फ्लेम रिश्ते में जीवन और आत्मा में परिवर्तन आने लगता है जिसे अवेयरनेस कह सकते है।  अब आप ईमानदारी से अपनी असुरक्षा, डर और अन्य इस प्रकार की चीज़ो को स्वीकार कर उन्हें दूर करने का संकल्प लेते है। इसी के साथ वे अच्छी अनुभव और चीज़े जिन्हे आप अनदेखा करते थे उसके लिए कृतज्ञ(grateful) होने लगते है कुल मिलाकर स्वयं को पूर्ण विश्वास के साथ ब्रह्माण्ड पर आत्मसमर्पण कर देते है और अपने आत्म उद्देश्य को प्राप्त करने में लग जाते है। 

जुड़वां लौ क्यों अलग हो जाती है ?

सामन्यतः यह अलग हो जाती है ताकी आप अपने उच्च व्यक्तित्व को प्राप्त कर सके जो कि आवश्यक है इनके आने का उद्देश्य ही यही होता है। 

जुड़वां लौ क्या फिर मिल सकती है ?

यह जरुरी नहीं है शयद कुछ ही वापस मिल पाते हो लेकिन सामान्यतः नहीं मिलते है क्योंकि आप दोनों के ही कुछ कर्म और मकसद बाकि होते है जिन्हे निपटाने होते है। आपको दोनों का मिलन 5d जिसे आध्यात्मिक जगत कहते है वहां पर होती है आप स्वयं में उसे महसूस करने लगते है क्योंकि वह आपका ही हिस्सा है।  जब आप अपनी higher self को पा लेते है तब आप अपने ट्विन फ्लेम के पीछे नहीं भागते है। 

आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी जुड़वां लौ आपके बारे में सोच रही है?

आपका ट्विनफ्लेम आपके बारे में सोच रही है इसका सबसे बड़ा पहचान यह कि आप उसे सपने में देख सकते है। सामन्यतः आप जो सोचते है वही स्वप्न में देखते है लेकिन जुड़वाँ लौ के मामले में यदि ट्विन के बारे में नहीं सोच रहे है तो भी उसे सपने देखते है। इसे टेलीपैथी या ड्रीम कम्युनिकेशन कहते है। 

क्या मेरी जुड़वां लौ मुझे पहचानती है?

कई बार एक गहरा सबंध महसूस करने के बाद भी दोनों यह नहीं जान पाते कि वे एक दूसरे की जुड़वाँ लौ है ऐसा इसलिए  क्योंकि उन्होंने अपनी हायर सेल्फ या व्यक्तिगत विकास को नहीं प्राप्त किया है।  दोनों को लगता है उन्हें आकर्षण इसलिए है क्योंकि उनमे प्रेम है। 

आपको कैसे पता चलेगा कि कोई जुड़वा लौ है?

अपनी जुड़वाँ लौ से मिलकर आपको लगेगा कि आपके बीच एक गहरा सबंध है और बहुत समय से उसे जानते है।