पतंजलि में सांस फूलने की दवा कौन सी है? जानिए

patanjali me saans phulne ki dawa आज के समय में न सिर्फ बुजुर्गो को साँस फूलने की समस्या है बल्कि धीर-धीरे नौजवानो और बच्चो में भी यह आम होता जा रहा है।  थोड़ा भी शारीरिक मेहनत के बाद साँस लेने में कष्ट होने लगता है। यह स्थिति तब होती है जब फेफड़ो में भली-भांति ऑक्सीजन नहीं पहुँचता है।  कई बार यह मन घबराने, सीढियाँ-उतरने। यदि आपको ऐसी परेशानी है तो आप पतंजलि के सास फूलने की आयुर्वेदिक दवाईओ का उपयोग कर सकते है। 

पतंजलि में सांस फूलने की दवा कौन सी है? जानिए


पतंजलि भारत की एक प्रसिद्ध जानी मानी आयुर्वेद कंपनी है और इसमें आपको  सांस फूलने बीमारी के लिए बेहतरीन दवा मिल सकती है जो आपको इस प्रॉब्लम से निजात पाने मदद करेगी। 

तो आइए जानते है की सास फूलने के लिए पतंजलि की कौन सी दवाईयां आती है।

 पतंजलि में सांस फूलने की दवा कौन सी है ? - Which is the medicine for shortness of breath problem in patanjali in hindi

अगर पतंजलि में सांस फूलने की दवा की बात करें, तो इसके लिए आप Patanjali Divya Swasari Pravahi का प्रयोग शहद के साथ कर सकते हैं. इसके साथ ही आप दूध में हल्दी , शीलाजीत और च्यवनप्राश का इस्तमाल कर सकते हैं. जिसके प्रयोग से सांस फूलने की समस्या में राहत मिलती है। 

1.पतंजलि दिव्य स्वशारी वटी

पतंजलि की दिव्य स्वशारी वटी एक प्रसिद्ध दवाई है जो मुख्यतः स्वश्न प्रणाली (रेस्प्रेटरी सिस्टम) के लिए लाभकारी होती है। इस दवाई में काली मिर्च, ,सोंठ, मुलेठी, प्रवाल पिष्टी, टंकण भस्म, गोदन्ती भस्म, पीपली आदि प्रकार की औषधियां शामिल है।

स्वशारी वटी सास अस्थमा, फूलने की समस्या, सर्दी , खासी-जुखाम के उपचार के लिए बहुत प्रभावी हो सकती है।  

स्वशारी वटी का कैसे सेवन करें।

स्वशारी वटी का फायदे लेने के लिए इसकी दो-दो गोलियां सुबह और शाम भोजन के आधे घंटे पहले खाली पेट गुनगुने पानी के साथ ले।

2.सांस फूलने की स्वशारी प्रवाही सिरप

स्वशारी प्रवाही सिरप पतंजलि की एक पॉपुलर दवा है। इस सिरप में सीतोपलादी, लवंग, ,सोंठ, काली मिर्च, तेज पत्र इत्यादि औषधियां शामिल होती है।

स्वशारी आयुर्वेदिक सिरप का उपयोग मुख्य रूप से सर्दी, जुखाम, बैक्ट्रियल संक्रमण, खासी के लिए बहुत फ़ायदेमदं होती है इसके अतिरिक्त यह दमा या अस्थमा में लाभकारी होता है।

स्वशारी प्रवाही का सेवन कैसे करें।

स्वशारी प्रवाही का लाभ उठाने के लिए दो दो चम्मच स्वशारी प्रवाही सुबह शाम भोजन के बाद सेवन करे।

सावधानी: डायबिटीज के मरीज स्वशारी प्रवाही का सेवन न करे।

3.पतंजलि ब्रोकोम टैबलेट

ब्रोकोम पतंजलि आयुर्वेद की एक टैबलेट है जिसका सेवन स्वास से सम्बंधित समस्याओं के लिए कर सकते है।  इसमें  तुलसी, दालचीनी, लॉन्ग,सोंठ, अभ्रक भस्म, मुलेठी , गोदन्ती भस्म आदि प्रकार के घटक सम्मिलित होते हैं।

ब्रोकोम टैबलेट  इन्फेक्शन, सास फूलने, सर्दी, खासी, जुकाम, अस्थमा में उपयोग किया जाता है। 

ब्रोकोम टैबलेट का कैसे उपयोग करें।

ब्रोकोम टैबलेट दवाई फायदा पाने के लिए इसकी एक गोली सुबह और एक गोली शाम को खाने बाद ले। का लाभ लेने के लिए ब्रोकोम टैबलेट की दो दो गोलियां सुबह शाम भोजन के बाद सेवन करे।

4 .पतंजलि दिव्य लक्ष्मीविलासरस

पतंजलि की दिव्य लक्ष्मीविलासरस स्वास संबधी परेशानियों के लिए आयुर्वेद दवा है। इसमें विभिन्न प्रकार की सामग्रियां जैसे - भस्म, जावित्री, सतावरी, गंधक, मकोय, अभ्रक, कपूर, जायफल,  इत्यादि मौजूद है। 

लक्ष्मीविलासरस सर्दी, खासी, जमे बलगम, साँस फूलने को ठीक करता है। इसके अलावा यह साइनस में भी उपयोगी हो सकता हैं।

लक्ष्मी विलासरस का कैसे इस्तेमाल करें। 

लक्ष्मी विलास रस की दो-दो गोलियां दिन में दो बार सुबह-शाम नार्मल जल खाये लाभ मिल सकता। 

5.पतंजलि की दिव्य स्वशारी गोल्ड कैप्सूल

पतंजलि आयुर्वेद की स्वशारी गोल्ड कैप्सूल स्वर्ण भस्म से युक्त है जो श्वसन फूलने की तकलीफ में राहत दे सकता है। इसमें अन्य सामग्रियां जैसे कि सीतोपलादि चूर्ण, स्वशारी रस, त्रिकटु चूर्ण, गोदन्ती, मोती पिष्टी,  मालती रस, भ्रम जैसी कारगर औषधियां सम्मिलित होती है। यह मुख्य रूप से अस्थमा, ब्रोकाइटिस, सास फूलना, अभ्रक भस्म आदि सम्मलित है। जो इन्फेक्शन, सर्दी, कफ के लिए भी उपयोगी हो सकती है। 

स्वशारी गोल्ड कैप्सूल का कैसे सेवन करें।

स्वशारी गोल्ड की 1-1 कैप्सूल सुबह-शाम भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ खाये।

सांस फूलने के क्या कारण होते है ?- causes of shortness of breathing in hindi

कोई भी दवा का उपयोग करने से पहले बीमारी किस कारण से है इस पर भी विचार करना जरुरी है।  यदि कोई भी शारीरिक क्रिया करने के बाद साँस लेने में तकलीफ मसहूस करते है तो यह एक कारण हो सकता है। इसके अलावा बहुत से लोग नशा आदि करने की आदत होती है जैसे - धूम्रपान तो इससे भी फेफड़े कमजोर हो जाते है।  वही मोटापा और आलस्य भी इसकी वजहें हो सकती है।


डिस्क्लेमर 

इस लेख में साँस फूलने से सम्बंधित पतंजलि की जो भी दवाईया बताई गयी है वे सिर्फ सामान्य जानकारी पर आधारित है कृपया सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य ले। 

FAQs

Q- ज्यादा सांस फूलने तो क्या करना चाहिए?

फेफड़े कमजोर है तो ब्रीथिंग एक्सरसाइज के जरिये धीरे-धीरे मजबूत कर सकते है।  इसके अलावा योग करे, सुबह-शाम टहले।  आलस्य को त्यागे क्योंकि इससे जब कार्य करने की आदत नहीं होती है तो उसमे थकान के साथ साँस लेने में भी तकलीफ होती है सभी को नहीं लेकिन कुछ लोगो को। 

अगर आपकी आयु कम है गलत लाइफस्टाइल के वजह साँस की समस्या है तो अपनी दिनचर्या सुधारे, थोड़ा व्यायाम शुरू करे, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम का प्रयास करे।  हो सके तो शुरुवात में किसी विषेशज्ञ की नजर में करे। जब कभी ज्यादा साँस फूलने लगे तो घबराये नहीं बल्कि धीरे-धीरे लम्बी साँस ले।  इसके लिए अपने हाथो को भी साँस लेने के क्रम में ऊपर नीचे करे।