पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी का उपयोग किस लिए किया जाता है?

Patanjali Divya Youvnamrit Uses In Hindi आज के समय बहुत से पुरुष यौन समस्याओं से जूझ रहे है लेकिन किसी से का न बता पाने के करण इधर-उधर से जानकारी लेकर उपचार करना चाहते हैं यदि आप ऐसी किसी समस्या से ग्रस्त है तो चिकित्सक को अवश्य दिखाएं । पतंजलि में यौन प्रॉब्लम के लिए आपको बहुत से उत्पाद मिल जाएंगे जो आपको इस परेशानी से राहत दिला सकते हैं। इन्हीं में से एक है दिव्य यौवनामृत वटी । चलिए जानते है दिव्य यौवनामृत वटी के फायदे, उपयोग और सेवन से सम्बंधित जानकारिया। 

पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी का उपयोग किस लिए किया जाता है?


पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी क्या है? what patanjlai youvnamrit vati in hindi

यह पतंजलि द्वारा निर्मित यौन संबंधित परेशानियों एक लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक प्रोडक्ट है । इसके इस्तेमाल से आपको अदभुद परिणाम प्राप्त हो सकते है।  इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के घटक आपकी शारीरिक दुर्बलता दूर कर पुरुष हार्मोन्स बढ़ाने में योगदान दे सकती है वही अन्य फायदों को जानने के लिए आगे पढ़े। 

दिव्य यौवनामृत वटी में शामिल घटक - Ingridients Of patanjali youvnamrit vati in hindi

  • अश्वगंधा - Withaniasomnifera
  • शिलाजीत - Asphaltum
  • शुद्ध कौंच - Mucuna pruriens
  • शतावर - Asparagus racemosus
  • वंग भस्म - Thermprocessed stanum
  • जावित्री - Myristica fragrans
  • पान रस - Piper bettle
  • सफेद मूसली - Chlorophytum arundinaceum
  • शुद्ध कुचला - Strychnos nuxvomica
  • अकरकरा - Anacyclus pyrethrum
  • Jundbedaster - Castorium
  • स्वर्ण भस्म - Incinerated oxide of gold
  • प्रवल पिष्टी - Coral
  • जायफल - Myristica fragrans

दिव्य यौवनामृत वटी का उपयोग किस लिए किया जाता है? - Uses of patanjlai yovnamrit vati in hindi


शीघ्रपतन के इलाज में कारगर है पतंजलि


संभोग के दौरान आप औसत होने से पहले डिस्चार्ज हो जाते हैं तो यहां प्रॉब्लम शीघ्रपतन(premature ejaculation) कहलाती है किसका उपयोग करने से बहुत देर तक उत्तेजित रहते हैं और जल्दी डिस्चार्ज होने की समस्या पहले से बहुत कम हो जाती है और आप चरम सुख का आनंद ले सकते है।

ढीले लिंग के लिए दिव्य यौवनामृत वटी

यदि कोई पुरुष लिंग के ढीला होने के कारण शर्मिंदा होते है तो यौनामृत वटी ढीले हुए लिंग(loose penis) को कठोर करने में बहुत मददगार हो सकती है। 

वीर्य बढ़ाने में कारगर 

शुक्राणुओ की गुणवत्ता और संख्या में कमी के कारण बाँझपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यौनामृत वटी आपकी वीर्य की संख्या को बढ़ाने में मदद करने के साथ ही उनकी क्वालिटी भी इम्प्रूव कर सकता है क्योंकि जितना स्पर्म काउंट अधिक होगा गर्भधारण की छमता उतनी बढ़ती है। 

शारीरिक क्षमता बढ़ाए

अगर आप शारीरिक रूप से अधिक थकान और जोश में कमी महसूस करते है तो आपको पतंजलि के यौनमृत वटी का सेवन कर सकते है। इसमें शामिल जड़ी बूटियां आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाती है और अंदर से स्पूर्ति पैदा करती है।

दिव्य यौवनामृत वटी खाने का तरीका

दिव्या यौनअमृत वती को भोजन के बाद दूध के साथ सेवन करना चाहिए एक दिन में दो बार अधिकतम दो टैबलेट से अधिक का सेवन न करें

सामान्यतः पतंजलि यौनामृत की एक टैबलेट एक दिन में सेवन किया जा सकता है। लेकिन आपकी समस्या कितनी गंभीर है इसके लिए डॉक्टर को दिखा कर खुराक तय करे।

यौवनामृत वटी कितने दिन में असर करती है? - Youvnamrit vati kitne din tak khana chahiye 

पतंजलि यौनामृत कितने दिन में असर करती है और कब तक खाना चाहिए इसकी कोई खास जानकारी मौजूद नही है लेकिन क्योंकि यह आयुर्वेदिक दवाई है इसलिए कम से कम दो महीने सेवन कर सकते है। एक्सपर्ट का निर्देश लेना न भूलें।

पतंजलि यौवनामृत वटी के Price 


पतंजलि की वेबसाइट के अनुसार पतंजलि यौनामृत की 40 tablet की कीमत 350 रुपए है। कीमतों में बदलाव कभी हो सकता है।

दिव्य यौवनामृत वटी के नुकसान 


यौनामृत वटी(youvnamrit vati) का उपयोग यदि सही मात्रा और निर्देशानुसार किया जाए तो इसके कोई नुकसान नही हो सकते है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में खाने और कुछ स्थियो में इसका सेवन इफेक्ट कर सकता है जैसे गर्भधारण के समय, कोई दवा का पहले से इस्तेमाल या किसी प्रकार के बीमारी से ग्रस्त होने पर आदि के दौरान करने फल डॉक्टर से परामर्श ले।

डिस्क्लेमर 

इस लेख में बताई गयी यौवनामृत से जुडी जानकारिया केवल सामान्य ज्ञान के लिए है कृपया उपयोग से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछे। 

FAQs

Q- पतंजलि यौवनामृत वटी खाने से क्या होता है

यह मुख्यता यौन शक्ति बढ़ाने, इम्युनिटी में इजाफा, शारीरिक दुर्बलता में कमी, स्वप्नदोष से राहत देने और थकान दूर होती है।

Q- मूसली पाक और यौवनामृत वटी में क्या अंतर है?

मूसली पाक में मुख्य सामग्री मूसली होती है वही यौनामृत वटी की मुख्य सामग्री में शुद्ध कौंच के बीज, अश्वगंधा आदि खास शामिल होता है।