गर्भावस्था में नाशपाती खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और नुकसान

गर्भावस्था में नाशपाती खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और नुकसान


pear fruit during pregnancy in hindi नाशपाती स्वादिष्ट तो होते ही हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भी युक्त हैं जो आपकी प्रेगनेंसी को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभा सकते है। इसमें प्राकृतिक रूप से शर्करा भी होती है। इसे खाने से पहले, नाशपाती के लाभ और इससे जुड़े जोखिमों को जान लेना बहुत महत्वपूर्ण है। 


क्या गर्भावस्था के दौरान नाशपाती खाना सुरक्षित होता है? -Is eating pears safe during pregnancy in hindi?


क्या नाशपाती गर्भावस्था के लिए अच्छा है नहीं ? देखिये नाशपाती में विटामिन ए, बी9, बी6, सी, के, जैसे  पोषक तत्वों और  पोटेशियम, लोहा, सल्फर, जस्ता, तांबा, आयोडीन, फास्फोरस, कैल्शियम और टैनिन जैसे खनिजों का उत्कृष्ट स्रोत है। ये सभी वजन बढ़ाये बिना कब्ज को रोकने, संक्रमण से लड़ने, और ऊर्जा प्रदान करने में आपकी मदद कर सकते हैं। 

 हालाँकि, लिस्टेरियोसिस(listeriosis) और टॉक्सोप्लाज्मोसिस(toxoplasmosis) जैसी बैक्टीरिया और परजीवियों के संक्रमण से बचने के लिए इन्हे खाने से पहले अच्छी तरह से धो ले क्योंकि वे हानिकारक होते है।

गर्भावस्था में नाशपाती खाना स्वस्थ और सुरक्षित है क्योंकि ये  फ्लेवोनोइड, एंटीऑक्सिडेंट  जैसे कई पोषक तत्व से संपन्न होते हैं।

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नाशपाती कितनी मात्रा में सेवन करे - How Much Pear Can A Pregnant Woman Have?

गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन मध्यम आकार के  1 से 2 सनाशपाती आराम से खा सकती हैं। लेकिन ध्यान दे इस फल को खाली पेट न खाये और यदि भोजन के बाद खाना चाहती है तो एक या दो घंटे बाद ही सेवन करें।


कोई भी नयी चीज़ खाने से पहले प्रेगनेंसी  दौरान पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट करे। फल के साथ ही अन्य विटामिन्स भी वह लेने को कह सकते है।

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नाशपाती खाने के स्वस्थ फायदे - benefits of pear for health in hindi


1. मॉर्निंग सिकनेस में राहत 

गर्भावस्था के पहली तिमाही के दौरान होने वाली उल्टी और मतली आम होती है लेकिन नाशपाती आपको इसमें थोड़ा राहत देती है और इस करती है, दरअसल, नाशपाती में मॉर्निंग सिकनेस की आवृत्ति को कम करने का प्राकृतिक रसायन होता है। 

इसके साथ ही गर्भवती के समय मितली के वजह से भूख कम हो जाती है लेकिन यह फल आपके स्वाद वाली सेल्स को सक्रीय रखती है। 


2.प्रतिरक्षा में सुधार कर संक्रमण के खिलाफ लड़े 

यह जो गर्भवती माताओं को अनुशंसित होने विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, पोटेशियम, फोलेट, जैसे सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करता है वाले ते हैं। ये सभी तत्व शरीर को खांसी-जुकाम, फ्लू, फुफ्फुसीय जैसी संक्रमण रोगो आदि से लड़ने में मदद करते हैं। 

नाशपाती में मौजूद पोटेशियम रक्त और अन्य ऊतक तरल पदार्थों में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है। इससे शरीर को करने में मदद मिलती है। संतुलन पैर और पेट की ऐंठन को भी रोकता है।


 3. गर्भावस्था के दौरान वाले कब्ज से राहत दिलाये 

कब्ज गर्भवती महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम समस्या है और फाइबर पाचन तंत्र के बेहतर कार्य के लिए आवश्यक तत्व है। नाशपाती में पाया जाने वाला उच्च फाइबर कब्ज को कम करने में बेहद मदद करता है, अधिकतम लाभ के लिए इसे छिलके सहित खाएं।


4. एंटीऑक्सीडेंट जो फ्री रेडिक्लस से लड़े 

क्या आप जानते है कि नाशपाती के छिलके में बहुत एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं, जो शरीर के सेल्स में उपस्थित मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) का शिकार कर उन पर हमला करते हैं।  इससे  कैंसरऔर  हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा थोड़ा कम हो जाता है 

5. इष्टतम कैलोरी(Optimum Calorie) मिले 

नाशपाती कैलोरी में कम है इसलिए अपने आहार में शामिल करे।  से पेट बहुत देर तक भरा महसूस होता है और अधिक  बढ़ता है।  


 6. ह्रदय के लिए फायदेमंद

नाशपाती में पोटेशियम का प्राकृतिक स्रोत है जो बड़ो के साथ बच्चो के ह्रदय लिए भी स्वास्थ्यप्रद है ,यह कोशिकाओं के पुनर्जनन के लिए बहुतअच्छा है। इसके अलावा इसमें केंद्रित फ्लेवोनोल्स, विशेष रूप से एंथोसायनिन होते हैं। एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार नाशपाती का भली प्रकार से सेवन करने से  हृदय स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह के स्तर को कम करने से जुड़ा है।


7.  शिशु के नेत्र विकास में सहायक 

 विटामिन  का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। यह भ्रूण के नेत्र के विकास के लिए  नाशपाती में विटामिन ए मिलता है। इसके अतिरिक्त यह अजन्मे बच्चे के तंत्रिका, श्वसन तंत्र, परिसंचरण तंत्र के विकास में हेल्प करती है।

8.भ्रूण के तंत्रिका ऊतक के विकास में मददगार 

नाशपत्ती में विटामिन बी6  मौजूद होता है यह विटामिन संक्रमण के खिलाफ आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कण्ट्रोल करता है और भ्रूण के भ्रूण के तंत्रिका ऊतक के विकास में योगदान देता है। 

9. विटामिन बी6 

विटामिन बी में बी 6 गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक समूह है। इससे भ्रूण दोष चांसेस कम हो सकता है। मां और बच्चे दोनों के लिए फायदा करता है। 

10. पेट की  ऐठन के लिए 
नाशपाती में एक तरल ऊतक इलेक्ट्रोलाइटिक  पेट की ऐठन में आराम देता है जिससे आप कुशलतापूर्वक कार्य कर सकती है। 

नाशपाती का किस तरह से खा सकते है ?


  • पेयर या नाशपाती को फल के जैसे टुकड़ो में खा सकती है। 
  • सलाद में डाल कर। 
  • जूस बनाकर पी सकती है। 
  • नाशपाती को काट ले इसमें दालचीनी, शहद और थोड़े ड्राई फ्रूट्स डालकर ओवन में रखकर पका ले फिर खाये। 


नाशपाती कैसे स्टोर करें? - How to store pear in hindi

अच्छा फल का चुनाव करना भी एक कला है आईये  जानते है कि आप कैसे सही फल ले सकती है। 

1- एक अच्छे फिल्मे ताजे फल जैसी महक होती है, उसमे कोई सड़न या दाग नहीं होना चाहिए और न दबा हुआ हो। 

2- अधिक समय तक संग्रहीत किया गया नाशपाती मूल्यवान पोषक तत्व खो सकता है। 

3- नाशपाती को रेफ्रिजरेटर में एक से दो वीक रख सकते है लेकिन ध्यान रहे इन्हे ऐसे खाद्य पदार्थों के पास न रखें जिनकी गंध तीव्र हो, नहीं तो या उनकी गंध को आराम से अवशोषित कर सकते है। 

डिस्क्लेमर 

इस लेख में नाशपाती गर्भवतियों के खाने सबंधित सामान्य जानकारी दी गयी है, लेकन सभी की शारीरिक स्थिति भिन्न  है इसलिए खाने से पहले चिकित्सक सलाह जरुरी है। 


अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न . क्या गर्भावस्था के समय नाशपाती का छिलका खाना सही है?

उत्तर. जी हां, गर्भवती होने पर छिलके सहित नाशपाती का सेवन करना सुरक्षित है। ऐसा कोई प्रमाण या अध्ययन नहीं है जो कहे कि गर्भावस्था में नाशपाती या छिलका सहित नहीं खा सकते है  हालाँकि, उपभोग से पहले इसे  अच्छी तरह से धो और पोंछ कर खाये।