अमृतोथारम कशायम के स्वास्थ्य फायदे और सेवन का तरीका

 

अमृतोथारम कशायम के स्वास्थ्य फायदे और सेवन का तरीका

Amruthotharam Kashayam uses in Hindi अमृतोथारम काशयम एक रोगनिरोधी आयुर्वेदिक औषधि है जो कि तरल रूप में होती है।  इसमें गिलोय(इंडियन टिनोस्पोरा)  होने के कारण, यह शरीर की प्रतिक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।  

अमृतोथारम कशायम चयापचय पर कार्य करता है और आपके  पाचन में सुधार करता है। इसमें ज़िंगिबर ऑफिसिनेल की मौजूदगी उपस्थिति के कारण यह शरीर में अन्य दवाओं  व पोषक तत्वों के अवशोषण में भी सुधार करता है। 

अमृतोथारम कशायम बनाने के लिए सामग्री - Ingredients of Amruthotharam Kashayam in Hindi

4 भाग अमृता (गिलोय, गुडुची)  

2 भाग हरीतकी- 

1 भाग अदरक 

इन सभी को आठ भाग पानी में आधा या 4 भाग रह जाने तक उबाला जाता है। 

अमृतोथारम कशायम के स्वास्थ्य फायदे और उपयोगिता - Amruthotharam Kashayam Benefits in hindi

अमृतोथारम कशायम के निम्नलिखित स्थितियों के लिए सहायक है।

बुखार(fever)

प्रतिरोधक छमता बढ़ाये 

यूरिक एसिड का बढ़ा स्तर

भूख में कमी

गैस, पेट फूलना या आंतों की गैस

सूजन

पेट फूलना

कब्ज़

पीलिया

रूमेटाइड गठिया

सामान्य जुखाम 

शोफ(Edema)


अमृतोथारम कशायम की खुराक और सेवन का तरीका  - Dosages

अमृतोथारम को भोजन के पहले सुबह और शाम को 15 - 60 मिलीलीटर गर्म पानी ले सकते है। वही टैबलेट को एक गिलास गर्म पानी के साथ पतला करें। लेकिन बेहतर है कि चिकित्सक की सलाह पर खुराक लें। 

बच्चो के लिए - तरल5 से 10 मिलीलीटर या गोली(टेबलेट) आधी से 1 गोली

बड़ो को - तरल: 10 से 20 मिलीलीटर या गोली(टेबलेट) : 1 से 2 गोलियाँ

बुजुर्गो के लिए - तरल: 5 से 10 मिलीलीटर या 1 टैबलेट

यदि डॉक्टर अनुसंशित करते है तो इसे एलोपैथिक या होम्योपैथिक दवाओं के साथ भी सेवन कर सकते है।  लेकिन दोनों के बीच आधा घंटे का फासला रखे। 

अमृतोथारम कशायम को आप मॉल्टीविटमिन के साथ भी लेना अच्छा रहता है लेकिन इसके साथ यह भी देखना है की आपकी अमृतोथारम लेने की दैनिक खुराक क्या है, अच्छा है कि डॉक्टरी सलाह ले। 

अमृतोथारम कशायम के दुष्प्रभाव - side effects of Amruthotharam Kashayam in Hindi

अमृतोथारम कशायम सेवन के कोई खास नुकसान नहीं है मधुमेह पीड़ित, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले एक्सपर्ट से सलाह ले सकती है।  अधिक अमृतोथारम का सेवन न करे इससे दस्त पेट में जलन, गैस्ट्रिक जलन होने की संभावना रहती है।