हमारे प्राचीन भारतीय आयुर्वेद में इसका उपयोग औषधि रूप में होता है। अगरु एक सदाबहारी सुगन्धित पेड़ है इसे अगर का पेड़, अगरवुड और एलो वुड कहा जाता है जिसका प्रयोग इत्र बनाने के लिए किया जाता है और असम में यह बहुत प्रसिद्ध है। यह अधिकतर नागालेंड, मेघालय, पश्चिमी बंगाल और त्रिपुरा के पहाड़ियों में पाया जाता है। इसके अलावा यह भूटान, म्यांमार, सुमात्रा मलेशिया में भी पाया जाता है।
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अगरु की सुगंध, पेड़, फूल, पत्ती एवं आकार की संक्षिप्त जानकरी
अगरु 80 फीट की ऊंचाई तक का एक पेड़ हो सकता है और इसका तना 4 फीट के व्यास का होता है।अगरु की छाल कागज़ के जैसी बहुत पतली होती है इसलिए पुराने समय में इसका उपयोग लिखने के लिए किया करते थे।
अगरु के फूल का रंग सफ़ेद होता है और लगभग 2 इंच तक लम्बे, चिकने फल होते है। अगरु का स्वाद कड़वा और तीखी गंध होती है। लेकिन यह यह अस्थमा, नाक, जुखाम, गला आदि के लिए लाभकारी है।
अगरवुड की लकड़ी क्या कार्य करती है?
इस पेड़ की छाल पकने पर संक्रमित हो जाती है और कीड़े पड़ने लगते है और फिर इसमें निकलने वाले गोंद(राल) से खुशबूदार अगरबत्तियाँ व उबटन बनायीं जाती है, इसे ही अगरु कहते है। इसका तेल चीन, जापान, अर्ब देशो में बहुत प्रसिद्ध होता है। इसकी यह सुगंध सेस्क्यूटरपेन्स और एपॉक्साइड्स की मौजूदगी के वजह से आती है।
अगरवुड के तेल का उपयोग किस लिए किया जाता है ?
इसका तेल दर्द निवारक, सूजन, नींद की कमी बीमारी और त्वचा से जुडी प्रॉब्लम्स को ठीक कर सकता है। इसे लकड़ी, चूर्ण और तेल(oil) रूप में उपयोग करते है।
सबसे अच्छा अगरवुड कौन सा है ?
अगरु का विभिन्न भाषाओं में नाम:
- हिंदी नाम: आगर
- संस्कृत नाम: श्रेष्ठ वृक्ष, राजरहा, जोंगाकम, अनार्यक, प्रवर
- अंग्रेजी नाम: अगरवुड, एगिलवुड,
- गुजराती नाम: आगर
- बंगाली और तेलुगु नाम: अगरु
- तमिल नाम: अग्गलिचंदनम, अग्गलिचंदनम,
- मलयालम नाम: अकील
अन्य नाम
अगरु, ऊद, एलोसवुड, औध, गहरू
अगरु की विभिन्न प्रजातियाँ
- दाहागुरु
- कृष्णागुरु
- काष्ठगुरु
- मंगल्यागुरु
अगरु के औषधीय फायदे एवं उपयोग-Agaru Benefits and Uses In Hindi
सिर दर्द में राहत दे
अगरु को चन्दन की तरह घिस ले फिर इसमें कपूर मिला लें और माथे पर लेप की तरह लगा ले। कुछ दिन तक करे इससे सिर दर्द में(headace)बहुत आराम मिलता है।
सेक्सुअल पावर बढ़ाएं
अगरु का तेल(agarwood oil benefits in hindi) आपकी सेक्स पावर बढ़ा सकता है इसके लिए पान के पत्ते पर अगरु तेल की कुछ बूंदे डाल कर थोड़ी देर तक मुंह में रखें। आपको बहुत लाभ होगा। हालांकि इस्तेमाल करने से पहले एक्सपर्ट सलाह लें।
खूनी बवासीर में
अगरु का उपयोग खूनी बवासीर(piles) को खत्म करने के लिए इसके चूर्ण घी और मिश्री को उचित मात्रा मिलाये फिर ठंडा कर सेवन करे बवासीर के मरीजों में बहुत लाभकारी है।
त्वचा रोग में (Agaru for skin disease)
अस्थमा में उपयोगी
अस्थमा(दमा) रोगियों को अगरु के चूर्ण थोड़ी मात्रा में कपूर का चूर्ण मिलकर इसे छाती पर लेप करे।
कब्ज़ खत्म करे अगरु
जब पाचन अग्नि मंद हो जाती है तो कब्ज(constipation) की समस्या हो जाती है। अगरु के चूर्ण को शहद के साथ लेने से यह प्रॉब्लम दूर होने लगती है।
वमन( उल्टियां) होना बंद करे
उल्टी होने पर पानी की बहुत कमी हो जाती है जिससे अन्य प्रोब्लेम्स हो सकती है अगरु का चूर्ण खाने से वमन बंद हो जाती है।
भूख की कमी मुक्ति दिलाये
वात दोष से सबंधित रोगों में
प्रसव के पहले और बाद में होने वाली समस्याओं में लाभ दे अगरु
कुछ स्त्रियों को प्रसव के पहले या बाद में कई तरह की समस्याओं हो सकती है ऐसे में अगरु के काढ़े का उपयोग कर सकते है।
सांसों की बदबू के लिए (Agaru use for bad breath)
यदि आप साँस की दुर्गन्ध से परेशान है और इस वजह से सामने अच्छे से बात नहीं कर सकते है तो अगरु का सेवन इस प्रॉब्लम को आराम से दूर कर सकता है इसके कारण लोग खुल के बात नही कर पाते और दूसरे लोग भी दूर भागते रहते है| इस समस्या को समाप्त करने के लिए इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है|
सूजन दूर करे (Agaru ke fayde for inflammation)
शरीर में किसी प्रकार की सूजन को समाप्त करने के लिए अगरु और चोरक को पीस कर उस स्थान पर लगाने से सूजन ठीक होती है।
वीर्य और बल में वृद्धि
अगरु का उपयोग करने से पुरुषों में वीर्य की वृद्धि होती है और कमजोर शरीर को भी बल मिलता है।
अगरु के अन्य लाभ - Other Advanatages of Agru in hindi
1- कई बार जब बुखार के दौरान प्यास बहुत लगती है। अगर अगरु की लकड़ी से भावित हुआ पानी का सेवन करते है तो इसमें आराम मिलता है।
3 - बिच्छु के कटे वाले स्थान पर अगरु की लकड़ी का लेप लगाने से दर्द और जलन कम होती है। लेकिन डॉक्टर को अवश्य दिखाये।
4- यदि पेट में कीड़े(stomach bugs)) हो गए है तो अगरु इस समस्या को ख़त्म करने के काबिल है।
5- शरीर में होने वाली खून की कमी को अगरु द्वारा दूर कर सकते है।
7- मधुमेह(diabetes) में अगरु का सेवन करने से इन्सुलिन को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
अगरु का उपयोगी भाग
- तेल
- काण्डसार
सेवन करने का तरीका और मात्रा-Dosages of Agaru
- 1 से 3 ग्राम तक अगरु चूर्ण सेवन करे
- 1 से 5 बूंद अगरु के तेल उपयोग करे