स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक दवा

स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक दवा

Erectile Dysfunction (ED) in hindi इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुसंकता,  संभोग के लिए पर्याप्त इरेक्शन(वीर्य) प्राप्त करने में असमर्थता है। अनुमानतः प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी ईडी से पीड़ित होगा। इस आर्टिकल में जानिए स्तंभन दोष का क्या कारण है और आयुर्वेदिक इलाज - 

स्तंभन दोष क्या होता है ?- What is erectile dysfunction (ED) in hindi?

 ईडी वाले लोगों को सामान्यतः संतोषजनक यौन प्रदर्शन के लिए वीर्य बनाए रखने में कठिनाई होती है, इसे ही  नपुसंकता कहते है। यह अन्य किसी कारण का भी लक्षण हो सकता है। इसे किसी भी उम्र में सामान्य नहीं माना जाता है, और अन्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है जो कि संभोग में बाधा डालते हैं, जैसे  स्खलन की समस्याएं, इच्छा की कमी और संभोग।


ईडी को वृद्ध होने जैसा नहीं होना चाहिए। हालांकि कुछ वृद्ध पुरुषों को अधिक उत्तेजना की जरुरत  हो सकती है, उन्हें इरेक्शन प्राप्त करने और आनंदमयी संभोग लेने में सक्षम होना चाहिए। कुछ आयुर्वेदिकउपचार इसमें कारगर हो सकते है। 

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का क्या कारण है?

इसके निम्न कारण हो सकते है -

1- तंत्रिका संबंधी विकार(Neurological disorders) -जैसे - शरीर  ऊतकों पर स्वयं हमला( मल्टीपल स्केलेरोसिस), मधुमेह या कोई अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

2- पुरानी बीमारी(Chronic illness), पेरोनी रोग, कुछ दवाएं भी ईडी का कारण बन सकती है।  मूत्राशय, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर का ऑपरेशन भी इसका कारक हो सकते हैं।

3- संवहनी रोग(Vascular disease):  धमनियों का सख्त होना(एथेरोस्क्लेरोसिस) भी परिणामस्वरूप लिंग को रक्त की आपूर्ति में अवरुद्ध करता है या संकुचित हो सकती है।


4- मनोवैज्ञानिक अवस्थाएँ(Psychological states): इनमें अवसाद(depression ), तनाव, मस्तिष्क से उत्तेजना की कमी शामिल हैं।

5- आघात(Trauma): चोट भी ईडी के लक्षणों में प्रकट कर सकती है।



स्तंभन दोष का आयुर्वेदिक इलाज - ayurvedic treatment of  erectile dysfunction (ED) in hindi


सहजन (Drumstick) करे इरेक्शन की समस्या  समाधान


स्तंभन दोष को दूर करने के लिए आप एक कप दूध में एक मुट्ठी भर सहजन के फूल उबालकर इसे कम से कम दो से तीन महीने तक प्रतिदिन पीना चाहिए। यह प्राकृतिक आयुर्वेदिक घरेलू उपचार(ayurvedic home remedies),  पुरुषों के लिए इरेक्शन की समस्या का इलाज करने में बहुत मदद करता है।

सफेद मुसली


सफेद मुसली (क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम) जड़ी बूटी में कामोत्तेजना बढ़ाने वाले शक्तिशाली गुण है। आयुर्वेद में, इसे एक शुक्राल जड़ी बूटी कहा जाता है जो पुरुषों में शुक्र (स्पर्म) की  मात्रा  और गुणवत्ता को बढ़ाती है ।

यह जड़ जैसी दिखती है यह  तनाव से उत्पन्न विकारों से निपटने में मददगार हो सकता है जो कॉर्टिकोस्टेरोन के स्तर(level) को बढ़ाकर टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को कम करता है।  यह सेक्स ड्राइव को बढ़ाने के साथ हार्मोन उत्पादन का भी समर्थन कर सकती है।

सफ़ेद मुसली(safed mausli) मांसपेशियों को बढ़ाने के अलावा मूत्र विका, हृदय की समस्याओं, गठिया और  मधुमेह के रोगियों के लिए निर्धारित किया जाता है।

गोक्षुराGokshura)

गोक्षुरा (ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस) इसे गोखरू भी कहते है एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक बूटी है जो  पुरुषो में पुरुष यौन प्रदर्शन को बूस्ट कर सकती है। यह विबंध (कब्ज),, (मूत्र पथ विकार(प्रमेह ),  गुलमा (पेट के ट्यूमर), अर्शा (बवासीर),  आदि से बचाव कर सकती है।

अनार


इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए अनार का रस सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। इसके एंटीऑक्सिडेंट विशेष रूप से जननांग क्षेत्रों में रक्त के संचार(blood circulation) को बेहतर करने में मदद करता है और इरेक्शन को लंबे समय तक बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते है।

शतावरी 


शतावरी (शतावरी रेसमोसस) को 'जड़ी-बूटियों की रानी भी कह सकते है। इसके इतने स्वास्थ्य लाभ है कि आप सोच भी नहीं सकते है।  यह स्पर्म उत्पादन बढ़ाने के साथ उसे पोषण भी देती है। 

 शोध के अनुसार, शतावरी आपके मन को शांत कर प्रजनन अंगों तक रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर पुरुष और महिला दोनों के यौन स्वास्थ्य(sexual health)  क्षमता प्रदान करती है।


दालचीनी कैसिया

प्रयोगशाला शोध में-  एक समूह ने चूहों और मनुष्यों से स्तंभन ऊतक के सैंपल पर दालचीनी का एसेंशियल तेल द्वारा का  परीक्षण किया और यह पाया गया कि यह  एसेंशियल ऑयल  चूहों और मनुष्यों  दोनों के स्तंभन ऊतक को राहत देते हैं। 

आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी प्राकृतिक ब्लड थिनर की तरह कार्य करती है और जो हृदय रोग के लिए भी लाभदायक हो सकती है। लेकिन एसेंशियल ऑयल्स को निगलना नहीं चाहिए बल्कि अरोमाथेरेपी द्वारा लेना चाहिए। 

अदरक 


दो चम्मच शहद में दो चम्मच अदरक का पेस्ट मिलाकर दिन में तीन बार अगर इसका सेवन करें तो घरेलू उपाय से  इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में आराम मिल सकता है।

शहद और गाजर 


यदि आधा कप(half cup) कटी हुई गाजर में दो चम्मच शहद और एक आधा उबला अंडा मिलाएं। इस एक महीने तक रोजाना लेने से नपुंसकता दूर हो सकती है। चिकित्सक से सलाह अवश्य ले 

अश्वगंधा 


मनोवैज्ञानिक ईडी को प्रबंधित करने के लिए आयुर्वेद में चिकित्सक ईडी की समस्या के लिए अश्वगंधा का उपयोगई मानते है। इसे भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है जो यौन सहनशक्ति में अद्भुद सुधार कर सेक्स ड्राइव को बढ़ाती है और शीघ्रपतन को रोकने में बेहद कारगर है। 

सॉ पाल्मेटो


 इस आयुर्वेदिक जड़ी के बूटी के  नियमित सेवन से स्पर्म काउंट में सुधार और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का ट्रीटमेंट किया जाता है। इस का रूप से सेवन करने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करने में मदद मिलती है।


टेस्ट 

निम्न तरह के जाँच किये जा सकते है -

ब्लड टेस्ट 
मूत्र की जाँच
थाइरोइड टेस्ट 
लिवर व किडनी टेस्ट 
हार्मोन की जाँच 
लिपिड विश्लेषण 
पेनाइल बायोथेसियोमेट्री
डायनेमिक इन्फ्यूजन कैवर्नोसोमेट्री

निष्कर्ष 

इस लेख में स्तंभन दोष(ED) का आयुर्वेदिक उपचार केवल सामान्य जानकारी के लिए बताया गया है किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले विषेशज्ञ से सलाह करें।