Eating disorder in hindi- ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में विस्तार से बताएं?

Eating disorder in hindi- ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में विस्तार से बताएं?


भोजन संबंधी विकार क्या होता है ? - what is Eating Disorder in hindi

ईंटिग डिस्आर्डर(भोजन विकार) पुरुष एवं महिलाओं दोनों में ही होने वाली समस्या है। यह साइकोलॉजिकल स्थिति होती है जो किसी भी आयु में हो सकती है लेकिन अधिकतर यह कम उम्र में ही देखने को मिलता है। इस विकार में व्यक्ति अपने शरीर के आकार या वजन से चिंतित रहता है और इसी वजह से भोजन कम या अधिक करने लगता है। कई बार यह जोखिम भरा हो जाता है।

भोजन विकार के लक्षण - Symtoms of Eating Disorder in hindi

किसी को ईटिंग डिसऑर्डर है या नहीं इसे निम्न तरीको से जान सकते है और समय से उपचार कर सकते है।

  • भोजन बहुत कम करने लगना जिससे वजन दिन पर दिन कम होते जाना या फिर अधिक भोजन करने लगना जिससे वजन बढ़ने लगे।
  • इस विकार में इंसान अपने वजन आकार  में बहुत टेंशन में रहता है। जिसके कारण चिड़चिड़ापन, थकान, सिर घूमना आदि होने लगते है। 
  • अधिक कसरत करना 
  • पीरियड्स का रुक जाना 
  • खून की कमी 
  • किसी सार्वजनिक जगह पर खाने से बचना। 
  • हार्मोन्स असंतुलन 
  • कमजोर इम्युनिटी 
  • शरीर में पोटैशियम का स्तर कम होना 


ईटिंग डिसऑर्डर  के प्रकार - Types of Eating Disorder in hindi


1- ज्यादा भोजन करने का विकार

इसमें अधिकतर मोटे व्यक्ति शामिल होते है उनका भोजन के प्रति काबू नहीं रह जाता है तब उसे ईटिंग डिस्आर्डर होने लगता है। इस प्रकार के विकार में व्यक्ति भूख ना लगने पर अधिक भोजन करने लगते है इस कारण जिसके बाद उन्हें , जी मचलना, उल्टी, बेचैनी आदि सम्बन्धित समस्या होने लगती है।


2.बुलमिया विकार

जो बुलमिया विकार पीड़ित होते है वे बार- बार या थोड़े समय के अंतर में अधिक भोजन करने लगते है और स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाते है, यह जोखिम भरा हो सकता है। ऐसा ये इसलिए करते है क्योंकि यह अपने शारीरिक आकर से प्रसन्न नहीं होते है। यह कार्य कई बार ये छुपकर करते है क्योंकि इन्हे अपराधबोध भी होता है इसलिए कई बार अवस्वस्थ तरीके से कैलोरी बर्न करते है।


3.एनोरेक्सिया विकार

इस तरह के डिसऑर्डर या विकार में व्यक्ति भोजन कम ग्रहण करता है। वजन घटाने के लिए वह भूखा भी रहने लगता है। इससे कमजोरी आने लगती है और मृत्यु की संभावना हो सकती है। एनोरेक्सिया डिसऑर्डर वाले रोगी एक अच्छी पर्सनैल्टी पाने के लिए खान-पान की आदत से बचते है लेकिन अधिकतर अस्वस्थ तरीका होता है।


ईटिंग डिसऑर्डर के कारण - Causes of Eating Disorder in hindi


1- आनुवंशिक(जेनेटिक) कारक

यदि परिवार में किसी को अधिक भोजन करने का डिसऑर्डर है तो अगली पीढ़ी को भी होने संभावना हो सकती है।


2. तनाव(स्ट्रेस) 

स्ट्रेस के वजह से भी व्यक्ति की जीवनशैली प्रभावित होती है उसके भोजन करने का समय नियमित नहीं रहता है और उसे ईटिंग डिस्आर्डर हो जाता है।


3. वजन घटाने के लिए भूखा रहना

अपना वजन कम करने के लिए लोग कम खाते है लेकिन जब अधिक भूखा रहने लगे और किसी भी समय भोजन करे तो यह विकार में बदलने लगता है और तब परेशानी बढ़ जाती है।


ईटिंग डिस्आर्डर या भोजन विकार से बचाव करने का तरीका -Treatment of Eating Disorder in Hindi


आप निम्नलिखित तरीको से इस विकार से बचने का प्रयास कर सकते है। इसके अलावा मनोवैज्ञानिक उपचार और दवाये भी अपना सकते है।


1. स्वस्थ तरीके से आहार लेना

किसी भी प्रकार के ईटिंग डिस्आर्डर से बचाव के लिए भोजन को नियमित टाइम पर करे। अधिक भोजन करने से बचे स्वस्थ तरीके से वजन घटाए।

2. स्वस्थ तरीके भोजन करने से वजन भी सही तरह से कम होगा और पोषण भी मिलता रहेगा। व्यक्ति को प्रत्येक दिन स्वस्थ आहार या भोजन करना चाहिए व प्रत्येक दिन में भोजन का नियमित समय और शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है और भोजन विकार की समस्या भी दूर होती है।


2. दवाओं(medicine) के जरिये

कई बार जब परेशानी बढ़ जाती है तो व्यक्ति को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए, वह किसी थेरेपी या दवाये लिख सकते है। दवाओं से उल्टी, बेचैनी, तनाव को कम करने में आसानी होगी।


3. फैमिली थैरेपी

परिवार के आधार पर भी व्यक्ति के भोजन पर ध्यान रखने के लिए कहा जा सकता है जिससे उसे इस विकार से छुटकारा मिल सके। उसे स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करे। धीरे-धीरे यह विकर कण्ट्रोल होने लगता है।


निष्कर्ष

ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार महिला व पुरुष में किसी को भी हो सकता है भोजन का नियमन इसमें सबसे अधिक जरुरी है। स्वस्थ लाइफस्टाइल अपना कर इस प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है , जरूरत पड़ने में डॉक्टर को दिखाने से परहेज न करे।