पेनिस फंगल इन्फेक्शन का इलाज - फंगल इंफेक्शन को यीस्ट इन्फेक्शन भी कहते हैं। प्राइवेट पार्ट में दो प्रकार के संक्रमण सबसे अधिक होते है टीनिया क्रूरिस (tinea cruris) इसे दाद(रिंग वार्म) कहा जाता है। यह पुरुषो सबसे अधिक होता है इसमें groin या थाई वाले एरिया में गोल लाल चक्क्ते पड़ जाते है।
वही दूसरा कैंडिडा (Candida) फंगल इंफेक्शन जो महिलाओं में अधिक होता है। इसमें खुजली, वैजाइना के पास लालपन डिस्चार्ज आदि। पुरुषों में उन्ही को होने की आशंका अधिक होती है जिन्हे डाइबिटीज या प्री डाइबिटीज होता है। ऐसे में पेनिस की त्वचा रेडनेस और कर्डी डिपॉजिट्स हो जाते है।
कैंडिडा संक्रमण बहुत सामान्य है यह तभी होता है जब गुप्तांग भाग का पीएच वैल्यू में अधिक परिवर्तन होता है यह बदलाव कमजोर इम्यूनिटी के कारण, एचआईवी, डायबिटीज या साफ-सफाई न करने से होते है।
पुरुषो के प्राइवेट में पार्ट में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
- लिंग के शीर्ष त्वचा पर सूजन और रेडनेस(लाली)
- खुजली
- त्वचा का सफेद पड़ने लगना
- चमड़ी पर घाव, दरार या खून बहना
- पेशाब करते हुए जलन
- सेक्स के समय बेचैनी
- छोटे दाने जिनमें मवाद हो सकता है
पुरुषों के पेनिस फंगल इन्फेक्शन का घरेलू उपचार - penile infection treatment in hindi
सेब के सिरके का इस्तेमाल
myUpchar वेबसाइट के अनुसार, सेब का सिरका(apple cider) आपकी स्किन प्रॉब्लम्स पर असरदार है। पुरुषो लिंग संक्रमण के लिए सेब के सिरके में थोड़ा पानी मिलाकर लिंग की त्वचा पर लगा कर इसे सूखने दे ध्यान रखे की इस वक्त कपडे न पहने। कुछ देर बाद धो ले। दिन में दो बार इसे अप्लाई करे। एप्पल साइडर को सीधे कभी न लगाए नहीं तो जलन हो सकती है हमेशा पानी मिलाकर ही। इसके बाद भी जलन हो तो दोबारा इस्तेमाल न न करे।
मेल फंगल संक्रमण के लिए लहसुन
लहसुन पूर्ण रूप से एंटी-फंगल होता है। यह प्राइवेट पार्ट के संक्रमण को रोकने के लिए भी उपयोग किया जाता है इसके लिए लहसुन और अजवायन का पेस्ट बनाककर इन्फेक्शन वाले स्थान पर लगाने से बहुत आराम मिलता है। लहसुन को अपने आहार में शामिल करने से भविष्य में भी इस रोग से बचा जा सकता है।
टी ट्री का ऑयल संक्रमण दूर करे
टी ट्री के तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल युक्त होता है। इसे लिंगpenis) पर होने वाले संक्रमण को दूर करने में मददगार होता है। सबसे पहले लिंग को अच्छे से धो कर साफ करे फिर इसकी त्वचा पर टी ट्री ऑयल को हल्के हाथों से मालिश करे। अधिक तेज मसाज न करे। सूखने के लिए छोड़ दे। दिन में 3 बार ऐसा करने से इन्फेक्शन से कम होने लगेगा।
टी ट्री के तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल युक्त होता है। इसे लिंगpenis) पर होने वाले संक्रमण को दूर करने में मददगार होता है। सबसे पहले लिंग को अच्छे से धो कर साफ करे फिर इसकी त्वचा पर टी ट्री ऑयल को हल्के हाथों से मालिश करे। अधिक तेज मसाज न करे। सूखने के लिए छोड़ दे। दिन में 3 बार ऐसा करने से इन्फेक्शन से कम होने लगेगा।
दही बाल, त्वचा, पेट के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन इसमें एंटी फंगल प्रॉपर्टीज भी मौजूद होती है। सक्रमण वाली जगह पर इसका लेप लगाए और सूखने दे बाद में गुनगुने पानी से धो ले। दही का सेवन भी करे यह ठंडक पहुंचाने के साथ ही इसके अच्छे बैक्टिरिया इन्फेक्शन को कम करते है। दिन में 2 बार इसे लगाए और कपड़े न पहने।
प्राइवेट पार्ट को साफ-सुथरा रखे
प्राइवेट पार्ट्स का अधिकतर संक्रमण साफ-सफाई न करने के वजह होती है। गुप्तांगो को अच्छे से धोये। अधिक साबुन इस्तेमाल न करे। गीले अंडरवियर न पहने। लिंग को सूखा रखे इसमें अधिक देर तक नमी न रहने दे। ढीले कपडे पहने। एंटीबायोटिक दवाओं ज्यादा सेवन से भी यह समस्या हो जाती है।
पुरुष के प्राइवेट पार्ट में फंगल इन्फेक्शन की दवा
कुछ एंटी-फंगल दवा मलहम, टेबलेट, क्रीम और सपोसिटरी रूप में आती है जैसे-
कोनाजोल - समान्यतः इसका उपयोग एंटी-फंगल क्रीम के विकल्प के रूप में योनि थ्रश के इलाज के लिए किया जाता है। यह कवक की रोकथाम कर संक्रमण को बढ़ने से रोकता है।
इसके अलावा माइक्रोनाजोल भी शामिल है।
निष्कर्ष
इस लेख में पुरुषो के फंगल इन्फेक्शन इन पेनिस के बारे में सामान्य जानकारी उपलब्ध कराई गयी है किसी भी दवा या उपचार का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।