कार्मिक संबंध से आप क्या समझते हैं? और इनकी पहचान क्या है ?

Karmic Relationship In Hindi कार्मिक रिलेशनशिप का अंत अधिकतर सुखद नहीं होता है।  लेकिन यह आपके द्वारा पूर्व या कई बार इस जन्म में किये गए गलत कर्मो को चुकाने और सीख देने के लिए आपके समक्ष आते है जो आध्यात्मिकता(spirituality) की ओर भी ले जा सकता है।  आपने जिसके साथ जैसे किया होता है आपको उसी प्रकार के कार्मिक मिलते है। 

कार्मिक संबंध से आप क्या समझते हैं? और इनकी पहचान क्या है ?


आत्माओ(souls) को शरीर मिलने से पहले ही तय हो जाता है की उन्हें कौन से अपने बचे कर्मो को पूरा करना है, क्या लेसन लेना है यह सभी एक अनुबंध(contract) की तरह है। 

कर्म संबंध वास्तव में क्या है? -What exactly is a karmic relationship in hindi?

जब आप किसी व्यक्ति से किसी कर्म के भुगतान के लिए किसी भी तरह से जुड़े रहते है तो उसे कर्म सम्बन्ध या कार्मिक रिलेशनशिप कहते है।  कर्म सम्बन्ध किसी के साथ भी हो सकता है जैसे - आपका पार्टनर, माता-पिता, भाई, कोई रिश्तेदार आदि। 

आपके परिवार में यदि किसी के साथ आप इस बंधन(bond) से जुड़े है तो आप देखिएगा की उस व्यक्ति के साथ आपके सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते है। कार्मिक सम्बन्ध को अध्यात्म से भी जोड़ा जाता है। 

कार्मिक रिलेशनशिप की पहचान क्या है ?- how to find karmic relationship in hindi

  • जो लोग कार्मिक बंधन में होते है उनका रिश्ता कभी सुधरता नहीं चाहे कितनी भी कोशिश कर ले। 
  • आप ग्रो नहीं कर पाते है घूम-फिर कर वापस वही हालात आ जाते है। 
  • कई बार गाली-गलौच, लड़ाई-झगड़ा, मार-पीट(voilence) तक होती है। 
  • आपका रिश्ता टॉक्सिक भरा होता है। 
  • आपको उसके साथ कोई स्टेबल भविष्य नहीं दिखता है। 
  • इसका अंत हमेशा दुःखद ही होता है। 
  • आपका रिश्ता अंततः टूट जाता है। 

कार्मिक पार्टनर पहचान क्या है ?  What is karmic partner sign in hindi

Karmic relationship ki pahchan kaise karen in hindi लव रिलेशन की बात की जाये तो आपको उस व्यक्ति से बहुत इंटेंस एनर्जी महसूस होगी।  आपको लगेगा बस यही मेरा रियल सोलमेट या ट्विनफ्लेम है , क्योंकि ऐसा आपको पहले कभी किसी बाहरी व्यक्ति के लिए महसूस नहीं हुआ।

ऐसा इसलिए क्योंकि अगर  इस तरह से फील नहीं करोगे तो उसके साथ रिलेशनशिप में कैसे आओगे और कर्मो का भुगतान कैसे होगा ? घर में जो कार्मिक होते है उनके लिए किसी भी तरह के खिंचाव की जरुरत नहीं होती है क्योंकि वे आपके पास पहले से होते है और यदि अरेंजड मैरिज में कार्मिक बांड है तो वहां भी यह स्वयं ही टॉक्सिसिटी होने लगेगी। 

शुरुवात में सब अच्छा रहेगा जब तक की आप उस पर इमोशनली डिपेंड नहीं हो जाते और फिर बाद में संघर्ष, चीज़े ख़राब व घुटन भरी जिंदगी होने लगती है । नॉर्मली जब किसी का ब्रेकअप होता है तो आप संभल सकते है तो लेकिन कार्मिक में आप अंदर से टूट जाते है। आपको एक झटका लगता है और कुछ समझ नहीं आता है। 

 

कर्म संबंध क्यों खत्म होते हैं?/कर्म संबंध कैसे समाप्त होते हैं?

जब आपका उस व्यक्ति के साथ किया गया कर्म खत्म हो जाता है तो यह रिश्ता भी समाप्त हो जाता है। जब आपको लगता है कि अब आप और इस रिश्ते में  नहीं रह सकते है और इसे तोड़ने का सोच लेते है तब आपका का कार्य पूरा हुआ। लेकिन इसी के साथ आपको ईश्वर कोई सबक सिखाना चाहते है, जब तक उसे नहीं सीखते तो दोबारा ऐसा हो सकता है।  

क्या कर्म आत्मा साथी साथ रह सकते हैं?

अधिकतर कर्म साथी अंत में अलग हो जाते है और दोबारा नहीं मिलते है। लेकिन सोलमेट में थोड़े समय के लिए किसी भी वजह से अलगाव हो सकता है और फिर वे दोबारा मिल सकते है।    

आप एक कर्म और एक आत्मा के बीच का अंतर कैसे बता सकते हैं?

कार्मिक व्यक्ति सिर्फ आपसे अपना हिसाब-किताब पूरा करने यानि कर्म चुकाने के लिए आपकी जिंदगी में आते है और सोलमेट आपके साथ एक अच्छे रिश्ते में रहने और सपोर्ट करने लिए आपसे बाधते है। 

कर्म विवाह क्या है? Karmic relationship meaning in hindi marriage

जिस व्यक्ति से आपके पुराने बांड जुड़े होते है उनके निपटारे के लिए आपका प्रारब्ध(भाग्य) बनकर आपके विवाह लिए जिसे चुनता है उसे कर्म विवाह कहते है।