Buddha motivational/inspired story in hindi गौतम बुद्ध की इस प्रेरक कहानी से जानिए कि आखिर असली में माफ़ी देना(forgiveness) क्या होता है।
एक बार बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ एक सुन्दर से गाँव में गये। जब ग्रामवासियो को पता चला की बुद्ध उनके गांव में पधारे है तो वे उनका आशीर्वाद लेने के लिए निकले।
उसी गांव में एक व्यापारी, जो बुद्ध जी से क्रोधित था।
उसने यह सोचा कि बुद्ध गाँव के बच्चो सहित अन्य लोगों को बिना कुछ किए ही सिर्फ ध्यान करने के लिए प्रेरित कर गलत कर रहे हैं। उसमे यह भी सोचा कि जिनकी आँखे हमेशा बंद रहती है उन्हें सिर्फ देखते रहना समय को बर्बाद करने जैसा है।
यह सब करने से अच्छा है कि अपने बच्चो को व्यवसाय करने और स्वयं धन कमाना सीखना चाहिए।
इस तरह व्यापारी ने, बुद्ध को सबक सिखाने का मन बना लिया।
क्रोधित होकर जैसे ही वह गौतम बुद्ध के पास गया, उसे कुछ अजीब अंतर मसहूस(stange feeling) हुआ। लेकिन फिर भी उसका क्रोध शांत नहीं हुआ।
अपनी भावनाओं को काबू में न करते हुए उसने बुद्ध जी के मुँह पर थप्पड़ मार दिया।
बुद्ध जी उसे देखकर मुस्कुराने लगे।
शिष्य और वहां उपस्थित गांव वाले को व्यापारी के इस व्यवहार पर बहुत गुस्सा आया।
परन्तु बुद्ध के वहाँ होने से, उन लोगो ने स्वयं पर नियंत्रण रखा।
व्यवसायी ने देखा कि उसके आस-पास के लोगों ने उसकी इस हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
व्यापारी ने सोचा कि यदि मै यहाँ और रुका तो मै फिर से ऐसा कुछ कर दूंगा। इसलिए वह वहां से चला गया।
लेकिन घर पहुंचने के बाद भी उसके मन के अंदर बुद्ध का वही मुस्कुराता चेहरा घूम रहा था।
अपने इस जीवन में, वह किसी ऐसे व्यक्ति से पहली बार मिला जिसने अपने साथ ऐसा दुर्व्यवहार होने के बाद भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर लिया।
रात को वह सो नहीं पाया और कांप भी कांप रहा था। व्यापारी को लगा उसके साथ कुछ गलत हो रहा है।
अगले सवेरे ही वह बुद्ध जी के चरणों में जा कर गिर पड़ा और कहने लगा, कृपया करके मेरे द्वारा किये गए कृत्य को क्षमा करें।"
बुद्ध ने कहा, "मैं तुम्हें क्षमा नहीं कर सकता।"
बुद्ध का यह उत्तर सुनकर ग्रामीण और उनके शिष्य आश्चर्यचकित रह गये।
बुद्ध अपने पूरे जीवन में हमेशा दयालु रहे हैं और अपने आश्रम के शिष्यों के साथ ही हर किसी को उनके अस्तित्व के साथ स्वीकार किया है। लेकिन अभी वे कह रहे है कि वह व्यापारी को माफ़ नहीं करेंगे।
तभी सभी के आश्चर्यचकित होता जानते हुए, बुद्ध ने कहा कि, जब इसने कुछ किया ही नहीं है तो छमा किस लिए करू।
व्यापारी ने कहा, “मैंने कल आपके चेहरे पर तमाचा मारा था।”
बुद्ध ने उत्तर दिया, “ कल वाला व्यक्ति तो यहाँ है ही नहीं। अगर कभी थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति मिला तो मै उसे माफ़ कर दूंगा। यहाँ सभी मौजूद लोगो के लिए आप एक गौरवशाली व्यक्ति हैं, आपने कुछ गलत नहीं किया।
कहानी की शिक्षा:
मैंने तुम्हे माफ़ किया, सिर्फ यह कहना ही सच्ची क्षमा नहीं है बल्कि जिस व्यक्ति को हम माफ़ करते है उसे पता नहीं चलना चाहिए और न ही उसे दोष देना चाहिए। यदि उनकी गलती याद दिलाएंगे तो यह असली माफ़ी नहीं है बल्कि सजा है।