Break ke bad boyfriend se patchup kaise kare-रिश्तों को सहेजना उतना ही कठिन होता है जितना उनका जुड़ना। सम्बन्ध टूटने के संकेत भी मिलते है जैसे -बातचीत बंद होना, पार्टनर की बात को बिना किसी बहस के मन लेना शायद वह फालतू बहस नहीं करना चाहता आदि। लेकिन कुछ कोशिश करने से टुटा हुआ रिश्ता फिर से जोड़ा भी जा सकता है -
ब्रेकअप के बाद बॉयफ्रेंड (पार्टनर) से फिर से पैच अप करें - patch up with boy freind or partner after breakup in hindi
स्वयं में सुधारजरुरी नहीं की सम्बन्ध टूटने में गलती आपकी ही हो, फिर भी इस प्रकार के मामले में पहले अपनी ही ओर देखना चाहिए। अक्सर हम बिना कुछ समझे ही पार्टनर पर गलती डाल देते है या जिम्मेदार मान लेते है ऐसे में हम यह नहीं सोचते कि यह उसने किन हालात में किया है।
ऐसा ना हो कि आपने बिना उसकी बात समझे ही प्रतिक्रिया दे दी हो, हो सकता है की कल को आपकी भी कुछ ऐसे ही स्थितियां हो । यदि आपको बाद में ऐसा लग रहा है तो अपनी गलती मान ले और सुधार करें।
जारी रहे बातचीत -
अगर पार्टनर हर बार गलत है तो बात अलग है लेकिन अगर पहली या दूसरी बार ऐसा कुछ हुआ है तो माफ़ कर देना चाहिए। लेकिन बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे दोबारा एक होने ही संभावना खत्म हो जाती है।
patch up kaise kare boyfreind or girl freind
जारी रहे बातचीत -
अगर पार्टनर हर बार गलत है तो बात अलग है लेकिन अगर पहली या दूसरी बार ऐसा कुछ हुआ है तो माफ़ कर देना चाहिए। लेकिन बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे दोबारा एक होने ही संभावना खत्म हो जाती है।
patch up kaise kare boyfreind or girl freind
पार्टनर को स्पेस दें -
सभी को अपनी जिंदगी में स्पेस की जरूरत होती है और हमें उसकी निजी स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता हो या पति पत्नी का। पति -पत्नी दोनों को एक दूसरे के पसंद के कार्य को करने देने में सहयोग देना चाहिए न की बंदिशे लगाना।
पार्टनर के व्यक्तित्व को स्वीकारें -
अक्सर हम अपने मन में पार्टनर के लिए एक फ्रेम बनाकर रखते है की वह ऐसा होगा या ऐसी होगी। लेकिन जब वह उस फ्रेम में फिट नहीं बैठता तो हमें यह स्वीकारने में परेशानी होती है। लेकिन यह जरुरी नहीं दुनिया में सभी आपके सोच के अनुसार ही हो सबकी अपनी परसनैलिटी होती है और हमें उसे स्वीकारना चाहिए।
सम्मान जरुरी है -
अधिकतर रिश्ते इसी वहज से टूटते(breakup)है, जब हम उसके व्यक्तित्व को स्वीकार नहीं पाते है तो अहंकार जैसी भावना आती है। हम अपनी परसनैलिटी को उसके ऊपर थोपना चाहते है। इसके बजाय पार्टनर को यह एहसास कराये की मैं खुद को उसके अनुसार भी ढालने की कोशिश करूँगा, इधर दूसरा पार्टनर की भी यही कोशिश रहेगी।
तारीफ करना न भूले -
तारीफ किसे पसंद नहीं होती है और कभी कभी यह रिश्तों में जोश भी भर देती है। ज्यादातर हम सब पार्टनर की गलती होने पर आलोचना तो कर देते है लेकिन अच्छे काम के लिए तारीफ करना जरूरी नही समझते ऐसे में रिश्ते में कही न कही नीरसता आने लगती है, इसीलिए यदि पार्टनर कोई अच्छा काम करता है तो किसी भी बहाने से उसकी तारीफ जरूर कीजिये। इससे एक दूसरे करीब आने में हिचकिचाहट कम होने लगती है।