ज्वार का दलिया खाने के फायदे और बनाने की विधि

Jowar Daliya Ke Fayde गेंहू का दलिया तो आपने बहुत खाया होगा लेकिन क्या आपने ज्वार का दलिया खाया है जो न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि अत्यंत पौष्टिक भी है चलिए जानते है इसके फायदे और रेसिपी बनाने के तरीके के बारे में- 

ज्वार का दलिया खाने के फायदे और बनाने की विधि

 

ज्वार का दलिया खाने के फायदे - Benefits Of Jowar Porridge In Hindi

1- ज्वार तासीर में ठंडा होता है इसलिए यह उन लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है जिन्हें कफ और वात की समस्या है ।

2- ज्वार और इसका दलिया मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही बढ़िया होता है क्योंकि इसमें ग्लूटेन की मात्रा नहीं होती है और गले ग्लाइमेक्स इंडेक्स भी कम है

3- इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

4- यह कोलेस्ट्रॉल को बेहतर ढंग से नियंत्रित रख सकता है जिससे हृदय को स्वस्थ रखते हुए मुझे चलती है।

5- यदि आप भोजन घटाने के प्रयास में लगे हैं तो ज्वार को अपने डाइट फूड में जरूर शामिल करें इसका दलिया और रोटी खाने से आपको प्रोटीन और फाइबर प्राप्त होता है जो आपके पेट को लंबे समय भरा रखता है।


ज्वार की रोटी कब खाए?

आप अपने पेट को ठंडा रखने के लिए गर्मियों के दिनों में ज्वार की रोटी खा सकते हैं ।


ज्वार किसे नहीं खाना चाहिए?

फाइबर युक्त ज्वार को पूर्ण रूप से अपने आहार में शामिल करने के बजे धीरे-धीरे खाना शुरू करें अर्थात शुरुआत में हफ्ते में केवल एक या दो दिन ही खा अन्यथा उल्टी दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा जिन्हें गैस और अपच की समस्या है उन्हें ज्वार का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। ज्वार को अपने केबाद आपको हाइड्रेट रहने का प्रयास करना चाहिए। 


ज्वार का दलिया कैसे बनाते है/रेसिपी - jowar ka daliya kaise banate hain/recipe of jowar daliya 


साबुत ज्वार को आधा कप के अनुसार लेकर तकरीबन 4 घण्टे के लिए भिगो दे। 

इसके बाद ज्वार को प्रेशर कूकर में एक कप पानी डालकर 5 सीटी आने तक माध्यम आंच पर पकाये। 

अब एक पैन या कढ़ाई ले इसमें डेढ़ कप दूध ले  और उबाले हुए ज्वार डाले। साथ ही इलाइची का भी डाल दे। 

तीन से चार बार उबाल कर पका ले। 

इसमें चीनी या गुड़ डाले। प्लेट में निकालकर इसके ऊपर कटे बादाम या अनार दाना डाल सकते है। 

ज्वार के नुकसान क्या है?

ज्वार कैल्शियम और जिंक के अवशोषण को रोकता है इसलिए इसे भिगोकर ही सेवन करें।

वैसे तो इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन कुछ लोगों में मछली आना और पेट में गैस की समस्या हो सकती है।

इसके अलावा आरंभ में केवल थोड़ी मात्रा से ही शुरुआत करें, यदि कोई समस्या नहीं होती है तभी आगे जारी रखें।

ज्वार कौन नहीं खा सकता है?

पौष्टिक ज्वार को थायराइड और किडनी की समस्या से ग्रस्त लोगों को खाने से बचना चाहिए।

मधुमेह के लिए कौन सा बेहतर है ज्वार या गेहूं?

ज्वार का क्लाइमेट इंडेक्स गेहूं से कम है इसलिए डायबिटीज रोगियों के लिए ज्वार अधिक फायदेमंद है।

ज्वार के अधिक सेवन से कौन सा रोग होता है?

ज्वार की अधूरी सेवन से आपको अपाचे गैस उल्टी दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कौन सी रोटी बेहतर है ज्वार या बाजार?

ज्वार में उच्च मात्रा में फाइबर वह प्रोटीन होता है इसके साथ ही इस समय ग्लूकोज को नियंत्रित रखने की शक्ति भी होती है यदि कोई वेटलॉस करना चाहता है तो इसका उपयोग जरूर कर सकता है
वही बाजरे मैं कार्बोहाइड्रेट तो कम मात्रा में होता है लेकिन विटामिन, आयरन, फाइबर अधिक मात्रा में होता है और इससे सर्दियों में खाना अधिक बेहतर है।

क्या हम फैटी लीवर के लिए ज्वार की रोटी खा सकते हैं?

फैटी लीवर के लिए बाजरा, ज्वार, टोंड मिल्क, ताजे फल आदि खाने की सलाह दी जाती है।


डिस्क्लेमर

इस लेख में ज्वार के दलिया के फायदे और नुकसान की केवल सामान्य जानकारी दी गई है। यदि आपको पुराने कोई एनर्जी है या पहले से संबंधित कोई शिकायत है तो कृपया पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करें।