निल शुक्राणु संख्या बढ़ाने की पतंजलि आयुर्वेदिक दवा


Nil Sperm Count Badhane Ki Ayurvedic Dawa निल शुक्राणु में स्खलन के दौरान वीर्य न के बराबर निकलता है इसका मेडिकली इलाज मौजूद है लेकिन लोग साइड इफ़ेक्ट के चलते है आयुर्वेदिक उपचार चाहते है। पतंजलि में आपको शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक प्राप्त हो सकती है जिनके बारे में आगे बताया गया है।

प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के लिए एक पुरुष में लगभग पंद्रह मिलियन पर मिलीलीटर स्वस्थ्य शुक्राणुओ की संख्या होनी चाहिए। यदि के दौरान 39 मिलियन से भी कम है तो इंफर्टिलटी का संकेत हो सकता है।   

पतंजलि आयुर्वेद शीघ्र नाम करने वाली प्रसिद्ध कंपनी है लेकिन जब भी आप किसी भी आयुर्वेद दवाओं से इलाज बारे में सोचे तो ब्रांड से पहले उन दवाओं के बारे में भी थोड़ी जानकरी ले। यहाँ पर कुछ निम्न प्रकार की मर्दाना ताकत और शुक्राणु संख्या में इजाफा करने हेतु आयुर्वेदिक दवाये बताई गयी है। 

निल शुक्राणु बढ़ाने की पतंजलि आयुर्वेदिक दवा - Patanjali Ayurvedic Medicine Of Zero Sperm In Hindi


  1. अश्वशिला कैप्सूल - इसमें शिलाजीत और अश्वगंधा दोनों की ही उपस्थिति है जो पुरषों में टेस्टोरॉन उत्पादन में योगदान के साथ ही स्पर्म काउंट में वृद्धि करता है।   
  2. चन्द्रप्रभा वटी - यह बहुत ही लोकप्रिय पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा है जो स्पर्म बढ़ाने में मदद कर सकती है। इसमें गुग्गुल, त्रिफला और शिलाजीत का उपयोग किया जाता है।  स्पर्म का उत्पादन शीघ्र करते है।   
  3. शिलाजीत कैप्सूलयह बहुत पुराने समय से उपयोग की जाने वाली दवा है जो कैप्सूल के साथ ही चूर्ण में उपलब्ध है।  यह वीर्य संख्या में वृद्धि करने के साथ ही पूरे स्वास्थ्य को सकती प्रदान करती है।  
  4. यौवन गोल्ड कैप्सुल - यह मुख्यता यौन रोग की समस्या के लिए बनाया गया है इसके सेवन से स्पर्म संख्या, शरीर की थकान, निःसंतता दूर में फायदेमंद है।   
  5. आरोग्यवर्धिनी वटी - पुरुषो के बाँझपन के लिए यह वटी भी काफी फायदेमंद हो सकती है।  इसमें त्रिफला, कुटकी, और गुग्गुल का इस्तेमाल किया गया है प्रजनन प्रणाली को बेहतर करने में योगदान देती है। इसके अलावा यह समग्र जीवनशैली की गुणवत्ता बढाती है।  
  6. यौनामृत वटी - यह आयुर्वेदिक वती मुख्य रूप से पुरुषो के लिए है इसमें शतावरी, कौंच के बीज, जावित्री, मूसली, जायफल, बला आदि जड़ीबूटियाँ शामिल है जो निल शुक्राणुओ, कामोउत्तेजना, इनफर्टिलिटी आदि में सुधार करने के लिए बहुत उपयोगी है। 

इसके अलावा मकर ध्वज रस, कोंच बीज चूर्ण, वृष्य गुटिका, कामसुधा योग, वाजिकृणम घृतं, कामाग्नि संदीपन रस औषधियां भी निल स्पर्म(zero sperm) को दूर करने में बहुत असरदार हो सकता है। 

निल शुक्राणु क्या होता है ? - 

निल शुक्राणु(zero sperm count) की समस्या को एजुस्पर्मिया((azoospermia)) कहते है और यह दो प्रकार की हो सकती है। 

ऑब्स्ट्रक्टिव एजुस्पर्मिया - जिसमे स्पर्म का प्रोडक्शन तो होता है लेकिन किसी ब्लॉकेज के कारण पेनिस तक नहीं पहुँचता है। इसका मेडिकल ट्रीटमेंट ही कराये।  

नॉन-ऑब्स्ट्रक्टिव एजुस्पर्मिया - इस कंडीशन में वीर्य(semen) में शुक्राणुओं की संख्या जीरो होती है या बहुत ही कम। प्रुरुषो में पिता न बनने का कारण अधिकतर मामले इसी से जुड़े है। क्योंकि इसमें ब्लॉकेज की समस्या नहीं तो इसमें लाइफस्टाइल बदलने और नशा न करने के साथ ही कई लोग आयुर्वेद का सहारा ले सकते है। लेकिन पहले डॉक्टरी सलाह जरूर ले। 


 निल शुक्राणु होने के लक्षण - symtoms of Zero Sperm In Hindi

  • अधिक देर तक सम्भोग न कर पाना 
  • पेशाब त्यागने में जलन 
  • अंडकोष में पीड़ा या उसके आस-पास दर्द 
  • मासंपेशियों में कमजोरी 
  • पुरुष स्तन आकार में वृद्धि
  • स्खलन के समय अधिक वीर्य न निकलना 
  • अंडो का छोटा आकार  


डिस्क्लेमर 

निल शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा Patanjali आयुर्वेद का उपयोग कर सकते है लेकिन उपयोग से पहले चिकित्सक  परामर्श ले और स्पर्म के निल होने के कारण अवश्य जाने इससे इलाज में बेहतरी हो सकती है।