अनियमित पीरियड्स के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

 

अनियमित पीरियड्स के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

patanjali ayurved for irregular periods in hindi पहले महिलाओं में मासिक चक्र कभी कभार ही अनियमित होता था लेकिन आज यह बहुत आम परेशानी बन गयी है . सामान्यतः पीरियड 28 से 32 दिनों के अन्दर आते है,  लेकिन यदि इससे पहले या बाद में आने लगे तो इसे अनियमित माहवारी (इर्रेगुलर पीरियड्स) कहते है .  इन आयुर्वेदिक उपायों से आपको इर्रेगुलर मासिक चक्र से छुटकारा पाने में आसानी हो सकती है इसके साथ ही नियमित भी कर सकते है .

    विषय सूची 


    भारत में करीब पैतीस प्रतिशत महिलाएं इस समस्या से जूझ रही है . एक महिला को एक वर्ष में ११ से 13 बार मासिक धर्म आने होते है लेकिन जब यह अनियमित होते है तो सिर्फ 7 या 8 बार ही आते है ऐसी प्रॉब्लम को ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है . समय पर चक्र न आने से महिला मानसिक(mentaly) और शरीर(physically) रूप से स्वस्थ एवं सुखी अनुभव करती है .

    अनियमित मासिक चक्र के कारण – causes of irregular periods in hindi

    आयुर्वेद के अनुसार – यदि 28 दिनों से पहले ही माहवारी आ जाती है और स्राव(bleeding) अधिक मात्रा में होता है तो यह पित्त और वात के अंसतुलन के वजह से होता है .

    इसके अलावा अगर दो महीने बाद भी पीरियड्स नहीं आते है और अगर आते भी है तो बहुत ही कम स्राव के साथ तो यह कफ और वात के अधिक होने के कारण .

    अन्य कारणों में – शराब के सेवन से, अधिक वजन, नींद की कमी, तनाव, birth control दवाओं के सेवन से, थायरोइड, ख़राब दिनचर्या होना, धुम्रपान कारना, छमता से अधिक मेहनत करने से आदि .

    अनियमित मासिक धर्म के लक्षण - causes of irregular periods in hindi

    सबसे मुख्य लक्षण यह की माहवारी समय से नहीं आती है

    इसकी वजह से कम बूख लगना

    Utres में दर्द होना

     

    अनियमित पीरियड्स के लिए पतंजलि मेडिसिन  – patanjali Medicine of Irregular Periods in hindi


    पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन में इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए कई उपाय हो सकते हैं। जिनमे से कुछ यह शामिल हो सकती हैं: 


    दिव्या अशोकारिष्ट फॉर पीरियड्स  : 


    यह आयुर्वेदिक दवा अशोक वृक्ष के छाल से बनाई जाती है जो महिलाओं के विभिन्न प्मप्रकार के रोगो के लिए बेहद उपयोगी है, खासकर मासिक धर्म के समय के लिए। इसके सेवन से आपके अनियमित माहवारी को नियमित होते है और अधिक या कम रक्तस्राव की समस्या भी खत्म होती है। 


    अशोकारिष्ट बनाने के किण्वन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है जिस वजह से यह कुछ कैसेला हो जाता है।   इस टॉनिक में हरड़, बेहड़, आम, नागरमोथा, आंवला, अडूसा, गुड़, चन्दन  शामिल किया जाता है। जिससे यह बवासीर, अल्सर में बहुत लाभदायक है। 


    दिव्या स्त्री रसायन वटी: 

    यह बहुत ही फायदेमंद आयुर्वेदिक औषधि है।  यह महिलाओं के शरीर को स्वस्थ, कांतिमय रखने के लिए उपयोगी होती है और पीरियड्स को समय पर लाने में मदद करती है। 

    यदि आप इन दवाओं का सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर से परामर्श करते हैं तो इससे आपको फायदा हो सकता है। 


    दिव्या कुमारी असव:

    यह आयुर्वेदिक दवा भी महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होती है। इस दवा के सेवन से मासिक धर्म की समय पर आने और समय पर अंत होने में मदद मिलती है।

    अनियमित पीरियड्स के लिए अन्य आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Medicine of Irregular Periods in hindi


     प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार यदि महिलाएं अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करके एवं अपने खानपान में थोड़ा सा संयम रखें, तो पीरियड्स की उभरती हुई समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपचार बताए गये है –

    1- आधा चम्मच सोंठ या अदरक को एक कप पानी में उबाल कर पिए . इससे दर्द में राहत मिलता है . कुछ महीने तक ऐसा करने पर इर्रेगुलर माहवारी दूर हो सकती है .  
      
     2- दालचीनी(cinnamon) माहवारी ठीक करने का रामबाण है इसके नियमित सेवन से इर्रेगुलर पीरियड्स कि प्रॉब्लम दूर हो सकती है . दरअसल इसमें एंटी स्पासमेडिक, hydroxicalclon  और एंटी इन्फ्लामंतोरी तत्व होते है जो होते है जो आपके इन्स्लुलिन के स्तर को बेहतर रखते है .

    3- एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक कप गुनगुने पानी में मिलाये और पिए आप इसमें शहद भी मिला सकते है .

    4- एक गिलास पानी में 1 या 2 चम्मच सौंफ को रात भर के लिए भिगो दे, अगले दिन सुबह छान कर इस पी ले .  प्रतिदिन ऐसा करने पर कुछ समय बाद माहवारी रेगुलर हो जाएगी .

    5- कच्चा पपीता (papaya for irregular menstural in hindi)में कैरटिन, आयरन पाया जाता है जिससे रजोनिवृत्ति में कि कम ब्लड आने  की समस्या के साथ. नियमित करने और तनाव को दूर करने का कार्य करता है . 

    6- इसके साथ ही यह बच्चेदानी के मांसपेशियों के संकुचन को भी ठीक करता है . पीरियड्स आने के तीन दिन पहले से नाश्ते में पपीता के साथ दही खाना शुरू कर दे तो अधिक लाभ होगा .

    7- चुकंदर फोलिक एसिड और आयरन का बहुत उत्तम स्रोत है जो आपके शरीर ब्लड कोशिकाओं को बढाती है और मासिक धर्म को नियमित करती है .

    8- आयुर्वेद में कुछ हर्बल काढ़े को पी सकते है इससे पेट के दर्द से राहत के साथ ही पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद मिलती है .

    9- अजवाइन अनियमित मासिक धर्म में फायदेमंद (Ajwain for Irregular Periods in Hindi) पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए अजवायन कि हरी पत्तियों का जूस बना ले और एक स्पून शक्कर मिलाकर पिए . अजवायन में अपोइड एलिमेंट होता है जो मासिक चक्र को नियमित कर सकता है .

    निष्कर्ष 

    इस लेख में पतंजलि के जो भी टॉनिक बताये गए है वह सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है अधिक जानने के लिए आप इसकी वेबसाइट पर जा सकते है, इसके अलावा अन्य आयुर्वेद उपायों को करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह ले।