शिवलिंगी और पुत्रजीवक के बीज का सेवन कैसे करे और इसके फायदे

 putrajeevak aur shivlingi beej ke fadye in hindi मुख्यतः बाँझपन (infertilty) के लिए पुत्रजीवक और शिवलिंगी ये दोनो ही बहुत अचूक हर्ब है। आपको बता दे की यह महिला एवम पुरुष दोनो के लिए ही लाभकारी है। संतान प्राप्ति के अलावा इसके कई फायदे है, आईये जाने पुत्रजीवक बीज एंड शिवलिंगी बीज बेनिफिट्स और उपयोग का तरीका आगे बताया गया है। 

शिवलिंगी और पुत्रजीवक के बीज का सेवन कैसे करे और इसके फायदे

मेडिकली रूप से सत्तर प्रतिशत मामलों में स्त्रियों में ही इनफर्टिलिटी  समस्या होने से प्रेगनेंसी की प्रॉब्लम्स होती है क्योंकि इनका शरीर कॉम्प्लेक्स होता है। 

लेकिन पुरुष भी अछूते नहीं है तीस प्रतिशत केसेज में पुरुषों के कारण गर्भधारण नहीं होता है, जैसे की शुक्राणुओं का ठीक से न निकलना या ना बनना(sperm  release problem) , वीर्य की क्वालिटी उत्तम न होना(low quality sperm), शुक्राणुओं की मॉरेटिलिटी की प्रॉब्लम आदि।

पुत्रजीवक क्या होती है ?

पुत्रजीवक (putrajeewak ke beej in hindi) गुठली की तरह होते है और इसका वृक्ष हमेशा हरित होता है।  यह  औषधि गर्भाशय को मजबूत बनाने के साथ प्रेगनेंसी की छमता बढ़ाता है, जिससे बार बार मिसकैरिज न हो और आपकी प्रेगनेंसी आगे के महीनो तक अच्छे से हो। ध्यान रखे की इसका सबंध पुत्र होने से बिलकुल नहीं है, बा;ली संतान प्राप्ति के लिए है, बस इसका नाम ही पुत्रजीवक है। 

फायदे 

  • पुत्र जीवक के रस में हींग डालकर पीने से कफ व इसके फल के रस को माथे पर लगाने से सिरदर्द में राहत देता है। 
  • इसके बीज का लेप लगाने से बार-बार होने वाली फुंसियों से छुटकारा मिलता है। 
  • यदि किसी विषैले कीट या बिच्छू ने काट किया तो उनके विष के असर को  धीमा करने के लिए एक ग्राम पुत्रजीवक फल मज्ज को नीबू के अस में पैसे और फिर पी ले।  लेकिन डॉक्टर को अवश्य दिखाए। 

शिवलिंगी क्या होती है ?

यह दुर्गन्ध और स्वाद में कड़वी लगती है। अंडाशय की गुणवत्ता और यौन शक्ति बढ़ाने  के अलावा शिवलिंगी शरीर को डेटॉक्स करती है जिससे पाचन अच्छा रहता है। इसके पत्ते चिकने और खुदरे होते है और तना रोयेदार, पतला जिसमे धारियां बनी होती है।  इसे शिवलिंगी इसलिए  क्यूंकि इसके बीज शिवलिंग के सामान और बीज भूरे रंग के होते है।   यह खतपतवार में अधिक पायी जाती है लेकिन अब  खेती भी होने लगी है। शिवलिंगी का वानस्पतिक नाम ब्रायोनिया लैसीनोसा लीन है।  

फायदे 

  • यह बड़ी हुई प्लीहा(तिल्ली) जो अधिकतर टायफॉइड के कारण बढ़ जाती है को ठीक कर सकता है। 
  •  कहा जाता है की यदि गर्भवती स्त्री के कमर में शिवलिंगी जड़ को बांधते है तो प्रसव सामान्य होता है।  
  • यदि कुष्ठ रोग में लाल चन्दन को  शिवलिंगी के फल के रस में मिलाकर लगाते है तो बहुत आराम मिलता है। 
  • इसका बनाकर पीने से बार-बार प्यास(coryza) लगने की समस्या कम हो जाती है। 


शिवलिंगी और पुत्रजीवक के साथ उपयोग करने के फायदे - Shivlingi and Putrajeevak Benefits in hindi

वही शिवलिंगी के बीज (shivling beej in hindi) आपके पित्त दोष को बढ़ाता है और शरीर की कार्य छमता व निद्रा(dormancy), को ट्रिगर करने का कार्य करता है वही  पित्त जरूरत से अधिक न बढ़े इसके लिए शिवलिंगी के साथ पुत्रजीवक का उपयोग किया जाता है।

दोनों के बीज हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर कार्य करते है। खासकर महिला के असंतुलित हार्मोंस पर, यूरेटरी पर, सिस्ट में, ओवरी के कार्य पर, पीरियड्स कम आने पर के लिए आदि इन कारणों से भी गर्भधारण में समस्या होती है ।

शिवलिंगी इन सभी परेशानियों के लिए असरदार और पुत्रजीवक शिवलिंगी की इन कार्यों से निपटने में सहायता करता है।

इसमें एंटी-इंफ्लामेंटरी और कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते है। शरीर में सूजन और कब्ज के लिए भी इनके दाने बहुत महत्वपूर्ण होते है।

पुत्रजीवक बीज कितने दिनों तक सेवन करना है?


पुत्रजीवक और शिवलिंगी दोनो को तीन महीनो तक सेवन करना होता है। जब आप देखेंगे कि आपकी सेहत में सुधार हो रहा है मतलब की आपकी माहवारी समय से होने लगी है। लेकिन अभी तक गर्भधारण नहीं कर पाई है तो इसका सेवन 6 महीनो तक करे। 

पुत्रजीवक और शिवलिंगी का पाउडर कैसे बनाये ?

दोनों के बीजों को बाजार से या ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर अलग अलग पीसकर अलग कंटेनर में भर ले। कई प्रसिद्ध ब्रांड द्वारा भी आपको इसनका चूर्ण मिल सकता है। 


शिवलिंगी और पुत्रजीवक चूर्ण का उपयोग कैसे करे ? how to uses putrajeevak and shivlingi seeds in hindi

शिवलिंगी और पुत्रजीवक दोनो का पाउडर बनाकर एक एक ग्राम यानी दो ग्राम सुबह और शाम गाय के दूध के साथ सेवन करे। उतने ही दूध  ले जितना पी सके क्योंकि इसका स्वाद अच्छा नहीं होता है। यदि आप शिवलिंगी और पुत्रजीवक का सेवन करते है तो बेहतर होगा की इसके साथ कोई अन्य इलाज न करे।


शिवलिंगी बीज के साइड इफेक्ट्स 

चाहे  शिवलिंगी  हो या पुत्रजीवक जरुरत से अधिक इस्तेमाल करने पर समस्या कम होने के बजाये बढ़ सकती है इसलिए डॉक्टरी परामर्श पर खुराक निश्चित कर सकते है। 


 डिस्क्लेमर 

इस लेख में पुत्रजीवाज और शिवलिंगी द्वारा प्रेगनेंसी धारण करने और अन्य फायदे बताये गए है।  इस आयुर्वेद का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य ले।