रूमेटाइड आर्थराइटिस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में पूरी जानकरी


रूमेटाइड आर्थराइटिस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में पूरी जानकरी


रूमेटाइड अर्थराइटिस रोग या अमावत गठिया का ही एक प्रकार है इसमें जोड़ो में दर्द और सुजन के साथ अकडन हो जाती है . इसके बारे लोग अधिक परिचित नहीं है . यहाँ जानिए rheumatoid arthritis बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में पूरी जानकरी .

रूमेटाइड आर्थराइटिस क्या है?

रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) एक ऑटोइम्यून डिजीज है जो अधिकतर महिलाओं में होती है लेकिन पुरुषो भी इससे बचे नहीं है . अधिकंश्ता यह ४० आयु के बाद ही होती है लेकिन आज यह रोग युवाओं में भी बढ़ रहा है इस दौरान आपकी दिनचर्या बहुत प्रभावित होती है . सही समय पर उपचार न करने पर यह आगे भी बढ़ता रहता है .

इस बीमारी में आपका  इम्म्युन सिस्टम अपने ही उतकों आक्रमण करता है ऐसी में जोड़ो के साइनोवियम या अस्तर में सुजन आ जाती है कहते है खासकर एडियों, पीठ और कलाई में काफी सुजन और दर्द रहता है लेकिन इसके साथ ही यह सर्कुलेटरी सिस्टम, ह्रदय और नेत्रों को भी प्रभावित करता है . यह क्यों होता है इसके बारे वैज्ञानिको और चिकित्सको द्वारा इस पर अधिक सपष्टीकरण नहीं दिया गया है आगे जानिए इसके लक्षणों के बारे में .

रा फैक्टर पॉजिटिव मीन्स इन हिंदी - Ra factor test in hindi

एक पॉजिटिव आर ए फैक्टर  टेस्ट का  परिणाम यह इंगित करता है कि आपके रक्त में Rheumatoid उच्च स्तर पाया गया है। यह उच्च स्तर ऑटोइम्यून रोग और विशेष रूप से रुमेटीइड गठिया अधिक निकटता के साथ जुड़ा हुआ है।

  

रूमेटाइड आर्थराइटिस के कितने चरण है

रूमेटाइड गठिया के सभी चरणों का इलाज अलग है-

पहले चरण में जोड़ो के अस्तर (synovium) में पीड़ा और सुजन आती है . लेकिन आपके जॉइंट्स में कोई हानी नहीं होती है .

दुसरे स्टेप्स में जॉइंट्स के कार्टिलेज प्रभावित होते है जिससे कठोरपन आने लगता है . आपके कार्य करने कि गति कम हो जाती है .

तीसरे चरण में सुजन के कारण हड्डियों के सिरों में शती होने लगती है .

चौथा चरण में जोड़ पुर्णतः ख़राब होने लगते है कई बार सर्जरी भी करनी पड़ती है इसलिए आरंभिक स्टेप में ही डोक्टर को दिखाए .

रूमेटाइड आर्थराइटिस के क्या लक्षण है

1. जोड़ों में सुजन के साथ दर्द
2. जोड़ों में अकडन और कठोरता
3. गर्दन, पीठ व कलाई की मांसपेशियों में दर्द
4. दानिक कार्यो को करने में कठिनाई होना
अन्य लक्षणों में वजन कम हो सकता है, हल्का बुखार, भूख न लगना भी शामिल है .

  • कुछ लोगों को हल्का बुखार भी महसूस होता है.

रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान

आपको रुमैटोलॉजिस्ट  यानि आर्थराइटिस के डॉक्टर को दिखाना चाहिए . यह आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखकर ब्लड टेस्ट्स, ईएसआर और शारीरिक परीक्षण द्वारा इलाज करने की तयारी करेंगें .

  • ब्लड टेस्ट – ब्लड टेस्ट के जरिए डॉक्टर सूजन और ब्लड प्रोटीन (एंटीबॉडी) का पता लगाते हैं, जिनका संबंध रूमेटाइड आर्थराइटिस से होता है.
  • और सी-रिएक्टिव प्रोटीन सूजन के बारे में जानकारी देते हैं. ईएसआर और सीआरपी बढ़े होने के साथ ही अन्य लक्षणों का मिलान करके डॉक्टर रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान कर सकते हैं.
  • प्रायः यह पाया गया है कि रूमेटाइड गठिया से पीड़ित 80 प्रतिशत से अधिक लोगो में रूमेटाइड फैक्टर (RF) एंटी बॉडी मिलता है . 
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस में जोड़ो कि हड्डियों के शरण को एमआरआई या अल्ट्रासाउंड के जरिये देख सकते है .

 

रूमेटाइड आर्थराइटिस क्यों होता है


कोई सपष्ट कारण नहीं कि प्रतीक्षा तंत्र क्यों अपने कि उत्को पर हमला करने लगता है लेकिन इसके अलावा कारणों में तनाव, एस्ट्रोजन हार्मोन्स का असंतुलन , जेनेटिक  कारण और पर्यावरणीय कारक भी जिम्मेदार हो सकते है .

खान-पान में लापवाही करने वाले, मोटापे से ग्रास्त्लोगो को ध्यान दने कि आवश्यकता है .

रूमेटाइड आर्थराइटिस के प्रकार

1. सेरोपाजिटिव  (Seropositive RA)
यदि आपके खून सम्बन्धी परिवार में कोई भी रूमेटाइड फेक्टर पाजिटिव पाया गया है, तो यह लाजमी हो सकता है कि आपमें भी रूमेटाइड आर्थराइटिस होना अधिक बढ़ जाता है। हालांकि जरुरी भी नही कि रूमेटाइड आर्थराइटिस होगा ही।

2. सेरोनेगेटिव (Seronegative RA)
जिनके खून में एंटी सी.सी.पी. और रूमेटाइड फेक्टर नेगेटिव आता है उनको भी रूमेटाइड आर्थराइटिस होने का खतरा हो सकता है। लेकिन फिर भी यह पाजिटिव लोगों की तुलना में हल्का रूमेटाइड आर्थराइटिस पाया जा सकता है।

3. जुवेनाइल आइडियोपेथिक (Juvenile Idiopathic RA)
जुवेनाइल आइडियोपेथिक अर्थराइटिस लगभग 17 साल से या इससे कम उम्र के बच्चों में देखनेको मिलता है . यह स्थायी और अस्थायी दोनों हो सकते है .

रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज - rheumatoid arthritis ka ilaj

 रूमेटाइड अर्थराइटिस में सबसे अधिक दवाईयां उपयोगी साबित होती है ।  ये दवाईयों की इस बीमारी के लिए उपयोगी होती है लेकिन स्वयं से न ले।  हर दवा अलग तरीके से कार्य करती है। लक्षणों में बदलाव के साथ दवा में बदली जा सकती है।   

1. पेनकिलर्स
2
स्टेराॅइड्स

3. डिजीज माॅडिफाइंग एंटी रूमेटिक ड्रग्स

4. नाॅन-स्टेराॅइडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स

दवाईयों के साथ ही योग करे इससे जोड़ो का लचीलापन और सक्रियता बढ़ती है।  लेकिन एक्सपर्ट की सलाह पर ही करे। 

अगर जॉइंट्स की बहुत अधिक क्षति हो चुकी है तो कई मामलों में जोड़ो की सर्जरी भी की जाती है 



रूमेटाइड अर्थराइटिस के घरेलू उपचार - (rheumatoid arthritis ka desi ilaj)

रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण बात यह भी है कि इसका इलाज पूरी तरह मुमकिन नहीं है लेकिन इसे काबू  सकता है । रूमेटाइड गठिया का खुद इलाज करने के तरीके, इससे लंबे समय की जटिलताओं और जोखिम को कम कर सकते है। 

दिन में २ बार हल्के गर्म पानी का बैग से सिंकाई कर सकते है।

वजन कण्ट्रोल करे। ऐसे लोगो में  रूमेटाइड रोग जल्दी होता है। 

दूध का सेवन करे।  

धूम्रपान, अल्कोहल जैसी नशीले पदार्थों से दूर रहे। 

मौसमी फल, सब्जियों का सेवन करे।  

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए योग

  • पवनमुक्तासन से शरीर की दूषित आयु बाहर की जाती है।  इससे फेफड़ो और ह्रदय सक्रियता बढ़ती है। कमर के बल लेट जाये और घुटनो को मोड़ कर सीने के पास ले आएं और पैरो को दोनों हाथो से पकड़ लें। साँस छोड़े और पैरो को हाथों से पेट की तरफ दबाये।  अपनी ठोड़ी को घुटनो के बीच लगा लें। 


  • सर्पासन रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज के लिए  बेहतर विक्लप है।  सबसे पहले पेट के बल बिलकुल सीधा लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को माथे के नीचे टिका ले। पैरों के पंजों को साथ में ही रखें। अब अपने माथे को सामने की ओर उठा लें और बाजुओं को कंधे के बराबर रखें इससे शरीर का भार बाजुओं पर ही पड़ेगा। अब शरीर के आगे के भाग को अपने  बाजुओं के सहारे उठा ले । शरीर को खींचे और लंबी सांस लें।


  • बालासन पूरे शरीर को एक खिंचावऔर अंगों  को वार्म-अप करता है.  जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और शरीर का पूरा भाग  एड़ियों पर डालें। सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। आप की छाती जांघों से और माथे को फर्श पर छुआए। कुछ सेकंड ऐसे ही रहे।

  • सेतुबंध आसन भी गठिया रोगियों के लिए सहायक है। इस योग से कब्ज, आंत और लिवर में खिंचाव  को महसूस करते है। सबसे पहले पीठ के बल आपको लेटना है  दोनों हाथों को अपने बगल में बिलकुल सीधा और हथेलियों को जमीन पर सटा लें।  दोनों घुटनों को मोड़ कर तलवो को जमीन से छुने दे। अब सांस लेते हुए अपनी  कमर को ऊपर उठाने का प्रयास करें। इस समय बाजुओं को कोहनी से मोड़े और हथेलियों को कमर के नीचे से रखे। सेकंड बाद कमर को नीचे लाएं और पीठे के बल पहले जैसा सीधे लेट जाएं।

  • कपालभाती  आसान और  लाभदायक योग है जो साँस क्रिया को तेज करके किया  जाता है। इससे आपकी वायु  फेफड़ो में भरती है और दूषित वायु बाहर निकलती है। इस आसान को  आप पद्मानसन या सुखासन पर बैठ कर करे।  श्वाँस को बहार छोड़े।  बाहर छोड़ते समय अपने पेट को अंदर की ओर धक्का दे।  ध्यान रखना है  कि इस बीच साँस न लें।  क्योंकि इस क्रिया में श्वास अपने आप ही अंदर चली जाती है। ऐसा करने के अंत में सांस तुरंत  सामान्य कर लें अर्थात सांस भरें और सांस निकले । इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं। 


  • मंडूकासन में आपको मेंढक के आकार जैसा पोज बनान होता है। इससे गठिया, कोलाइटिस  मधुमेह को कंट्रोल करता है, रोग प्रतिरोधक छमता को मजबूत करे। गैस और कब्ज की प्रॉब्लम्स दूर करे। 

  • शशकासन थकान दूर करता है, डायबिटीज, लिवर के लिए लाभकारी, तनाव , वजन कम करे।  
डिस्क्लेमर 

इस लेख में rheumatoid arthritis ka lakshan karan और ilaj की सामान्य जानकारी प्रदान की गयी है।  सही समय पर इलाज कराने से लाभ मिलता है।