ग्रीन कॉफ़ी पीने से होते है ये 12 फायदे और नुकसान जानिए इसे बनाने का तरीका

 

ग्रीन कॉफ़ी पीने से होते  है ये 12 फायदे और नुकसान जानिए इसे बनाने का तरीका



काली कॉफ़ी की तरह एक ग्रीन कॉफ़ी होती है। यह अन्य कॉफ़ी की तरह इसे पकाकर नही बनाया जाता बल्कि इसके हरे बीजो(बीन्स) को ही पीसकर पाउडर बनता है। आगे जानिए यह स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद और नुकसानदेह  ।

एक वयस्क व्यक्ति प्रतिदिन 200मिलीग्राम से 450मिग्रा तक ग्रीन कॉफी का सेवन लाभदायक होता है। यह बीन्स, कैप्सूल और पाउच के रूप में उपलब्ध होती है।पतंजलि ग्रीन कॉफी प्राइस २००ग्राम 400 रुपये हो सकती है। 

1- वजन कम करे ग्रीन कॉफी-एनसीबीआई के चूहों पर किये गए शोध के अनुसार ग्रीन कॉफी मोटापा कम करने असरदार होता है क्योंकि इसके अर्क में एंटीओबेसिटी फैक्टर पाया जाता है जो चर्बी को कम करने में मददगार हो सकता है । इसके साथ ही इसमें मैक्रो नुट्रिएंट्स कार्बोहाइड्रेट्स भी मौजूद होता है जिससे भूख का एहसास कम होता है और आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है । ग्रीन कॉफी मेटाबॉलिज्म ठीक रखने में सहयोगी रहता है।

2- ब्लड प्रेशर में फायदेमंद ग्रीन कॉफी- हरी कॉफ़ी से रक्तचाप से पीड़ित लोगों को लाभ होता है। वही यदि एक कप ग्रीन कॉफ़ी पीते है तो बीपी के अतिरिक्त क्रॉनिक किडनी फेल्योर, हार्ट अटैक जैसे खतरों से संभल सकते है।
 
3- एनर्जी बूस्ट ड्रिंक के रूप में ग्रीन कॉफी- ग्रीन बीन्स कॉफ़ी पीने शरीर हाइड्रेट रहता है और ऊर्जा बनी रहती है। यह कई मिनिरल्स और न्यूट्रिशन से युक्त है। 
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4-सिर दर्द में करे फायदा- एनसीबीआई वेबसाइट के अनुसार ग्रीन कॉफ़ी में 1.2% कैफीन मौजूद है यदि सिमित मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन करते है तो यह आपका सिर दर्द और माइग्रेन  में राहत देता है लेकिन अधिक मेरा में पीना नुकसान दायक।

4. हृदय के लिए ग्रीन कॉफी लाभ- एनसीबीआई वेबसाइट पर एक शोध में आधार पर" ग्रीन कॉफी का एक फायदा यह की ह्रदय के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें क्लोरोजेनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो हृदय रोगों से बचाव में कुछ मददगार हो सकते हैं। 

5-स्ट्रैस में राहत दे - एक कप ग्रीन कॉफी पीने से तनाव रिलीविंग होती है । आप अपने वर्क से फ्री होकर कॉफ़ी का आनंद ले। इससे आपका मूड भी बहुत अच्छा रहेगा।

6- कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करे ग्रीन कॉफी- आपकी फूडिंग स्टाइल अच्छी न होने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। ग्रीन कॉफी एक्सट्रेक्ट कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है। इस शोध को भी एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित किया गया है, ग्रीन कॉफी बीन का एक्सट्रैक्ट कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल-सी के लेवल को कम करने में मददगार हो सकता है। लेकिन और स्टडी की आवश्यकता है।

7- हड्डियाें ले लिए ग्रीन कॉफी के बेनिफिट्स- 100 ग्राम ग्रीन काॅफी में करीब 108मिग्री कैल्शियम मौजूद होता है जो आपकी हड्डियों को स्ट्रेंथ और विकास प्रदान करता है । लेकिन यह और कितना बोन्स के लिए लाभकारी हो सकता है इसके लिए अतिरिक्त शोध चाहिए।

8- स्किन के लिए गुणों से भरपूर- एनसीबीआई की वेबसाइट रिपोर्ट पर प्रकाशित शोध से यह पता चलता है ग्रीन कॉफ़ी में एंटी एजिंग के गुण पाए जाते है यह इसलिए क्योंकि इसके बीन्स में कॉस्मेटिक ऑयल पाया जाता है जो त्वचा को समय से पहले आयी झुर्रियों को आने से रोक सकता है।

9- याददाश्त में सुधार- जैसा की बताया गया कि ग्रीन कॉफ़ी तनाव में आराम देता है उसी प्रकार यह आपके मस्तिष्क की याददाश्त  सुधार में भी फायदेमंद हो सकती है। इसके बीजों में कुछ कैफीन की मात्रा होती है जो स्मृति, मूड को एकाग्र रखती है। इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण अल्जाइमर रोगियों  के लिए बहुत उपयोगी है।

10-मधुमेह  में उपयोगी- शोध में पाया गया है कि ग्रीन काॅफी में उपलब्ध क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic Acid) तत्व  में एंटीडायबिटिक व हाइपोग्लाइसेमिक के प्रभाव पाए जाते हैं, जो आपकी मधुमेह की बीमारी पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट दर्शाता है।

रिसर्च के अनुसार दिनभर में 3 कप ग्रीन कॉफ़ी पीना दैनिक खपत का लगभग 30 प्रतिशत तक टाइप 2 डाइबिटीज को कम करने मदद हो सकती है। लेकिन इसके साथ ही शुगर की दवाओं को अनदेखा नही करना चाहिए।

11-  कैंसर के लिए ग्रीन कॉफी बेनिफिट्स- कई प्रकार की सामग्रियों में कैंसर रोधी तत्व पाए जाते है उन्ही में से एक ग्रीन कॉफ़ी है। रिसर्च के अनुसार इसमें ट्यूमर कोशिकाओं के फैलने शीघ्रता को कम करने वाला एंटीप्रोलिफेरेटिव (Antiproliferative) का गुण पाया जाता है, जो एक तरह का एंटी कैंसर कारक है। लेकिन डॉक्टरी परामर्श जरूरी है सिर्फ कॉफ़ी पर निर्भर न रहे।

12- रक्तचाप में फायदेमंद- हरी काॅफी का सेवन ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में भी कारागार हो सकती है। एनसीबीआई के अनुसार, यह इसमें उच्च पॉलीफोनिक औरएंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला क्लोरोजेनिक एसिड है जो रक्तचाप को कुछ कम करने के लिए जाना जाता है।

ग्रीन कॉफ़ी बनाने का तरीका - how to make green coffee at home in hindi


सबसे पहले ग्रीन कॉफ़ी बीन्स को रातभर के लिए पानी में भिगो दे।
अगले दिन पानी सहित बीजो को लगभग 15 मिनुये के लिए लो फ्लेम पर उबाले। आप देखेंगे कि पानी हरे रंग का हो जायेगा।
अब फ्लेम बंद करके उतार ले छानकर पिए।


दूसरा तरीका

ग्रीन कॉफ़ी पाउच को गर्म पानी में अच्छे से घोल ले और आनंद ले।
यह कॉफ़ी तब ही बहुत असरदार होगी जब इसमें चीनी, शहद कुछ भी न डाले।

ग्रीन कॉफी कैप्सूल क्या होती है और इसके सेवन  का तरीका क्या है?

यह कैप्सूल ग्रीन कॉफी के एक्सट्रेक्ट से तैयार होती है। मेडिकल स्टोर पर यह कई प्रकार के ब्रांडो में उपलब्ध है। सेवन के संबंध में चिकित्सक से पूछे।

ग्रीन कॉफी के क्या नुकसान है– Side Effects of Green Coffee in Hindi

ग्रीन काॅफी के अधिक सेवन करने कई दुष्प्रभाव हो सकते है जो इस प्रकार है-

ग्रीन काॅफी में क्लोरोजेनिक एसिड पाई जाती है जो उच्च हो जाने पर हृदय रोग की वजह बन सकता है।

ग्रीन काॅफी में कुछ हद तक कैफीन पाई जाती है जिसका अधिक सेवन से आपको उल्टी, बेचैनी, पेट खराब, ह्रदय रोग, अनिद्रा हो सकता है।

इसके अतिरिक्त कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ सकती है जो हड्डियों के लिए नुकसानदायक होने लगता है और यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन भी खतरा हो जाता है।

निस्कर्ष

इस लेख में green coffee ke fayde aur nuksan के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान की गयी गई। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाएं।

FAQs

प्रश्न - ग्रीन कॉफी दिन में कितनी बार पीना चाहिए?

उत्तर - एक दिन में 3 कप से  ज्यादा ग्रीन कॉफ़ी का सेवन न करे। 

प्रश्न - ग्रीन कॉफी से कितने दिन में वजन कम होता है?

उत्तर - ग्रीन कॉफ़ी से 1 से 2 महीने में ही वजन पर असर करना शुरू कर देती है।