surya namaskar for weight loss in hindi योगासनों में सूर्यनमस्कार को सबसे उत्तम और प्रभावशाली माना जाता है। सभी आयुवर्ग के लिए यह बहुत लाभकारी होता है। इस योगासन से शरीर ओजपूर्ण, स्वस्थ, सुन्दर और निरोगी रहता है।
सूर्यनमस्कार में कुल 12 आसन है। आईये जानते है की सूर्यनमस्कार योगासन के लाभ और करने का तरीका -
सूर्यनमस्कार के चरण और करने के तरीका -steps of surya namaskar in hindi
सूर्यनमस्कार में 12 प्रकार के आसन किये जाते है। आप ऊपर दिए हुए चित्र के अनुसार कर सकते है। -
सभी आसन के अपने फायदे होते है -
- प्रणामासन - इसमें पैरो को मिलाकर सीधे खड़ा हुआ जाता है और आपका मुख सूर्य की तरफ रहता है। दोनों हाथो को सीने के पास लेकर प्रणाम का पोज़ दे।
- हस्तउत्तानासन - अपने प्रणाम वाले हाथो को सिर के ऊपर उठाये और पीछे की ओर ले जाये इस दौरान कमर को भी पीछे झुकाये।
- हस्तपाद आसन - अब साँस धीरे-धीरे छोड़ते हुए। आगे की और झुकते हुए पैरो की उँगलियों को छूवे। आपका सिर घुटने से मिला हो।
- अश्व संचालन आसन - इस आसन में दाहिना पैर पीछे किया जाता है और इस पैर के घुटने को ज़मीन पर छुआना होता हैं. साथ में ही चेहरे को ऊपर की और ले जाना होता है और ऊपर की और देखना होता है।
- दंडासन - इस आसन को करते वक्त बाएँ पैर(left leg) को पीछे किया जाता है और शरीर सीधी रेखा का आकार ले लेता है.
- अष्टांग नमस्कार - इसमें मुंह को जमीन की ओर रखते हुए लेटना होता है और कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाना होता है। याद रहे की इस दौरान छाती और ठुड्डी जमीन से ही छुई हुई रहनी चाहिए।
- भुजंग आसन - इसमें शरीर का ऊपरी हिस्सा उठा रहता है और बाकी हिस्सा जमीन से लगा रहता हैं। आपको ऊपर की और देखना होता है। अपने शरीर को हाथों की मदद से ऊपर उठाया जाता है.
- पर्वत आसन - इस आसन में केवल हाथ और पैर ही जमीन पर लगे होते हैं और शरीर का बाकी का हिस्सा ऊपर होता है। आपके का शरीर पूरा वजन हाथों और पैरों पर होता है।
- अश्वसंचालन आसन - नम्बर चार वाले आसन को यहाँ फिर से करना होगा।
- हस्तपाद आसन - इसे तीसरे वाले आसन के जैसे ही किया जाता है।
- हस्तउत्थान आसन - इसे भी दूसरे नंबर के आसन के तरह ही किया जाता है
- ताड़ासन - ये आखिरी(last step) चरण होता है और इसमें एक दम सीधे खड़े होते हैं और शरीर को आराम(rest) देते हैं।
- सूर्यनमस्कार करने से व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ और शांत बनता है।
- यह आसान लिवर, ह्रदय, पैर, पीठ, त्वचा सम्पूर्ण शरीर को
- सूर्यनमस्कार से इंसान का पाचन फिट होने लगता है।
- यह योगासन आपके शरीर को डेटॉक्स करता है जिससे आपको चर्बी कम होती है।
- यह शरीर को लचीला बनाता है जिससे समय से पहले बुढ़ापा नहीं आता है।
- सूर्यनमस्कार से चेहरा कांतिवान होत है।
- शरीर में आध्यात्मिक ऊर्जा का निर्माण होता है।
- माहवारी की अनिमियतता रेगुलर होने में हेल्प करता है।
- महिलाओं के गर्भाशय को स्वस्थ बनाता है सूर्यनमस्कार।
- नकारात्मकता दूर करता है और व्यक्ति को एकाग्र बनाता है।
- मणिपुरचक्र ब्लॉकेज को खोलने में यह आसन मददगार है।
- पीठ की रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। डाइट चार्ट और घरेलू उपाए से कम करे कमर और पेट की चर्बी - exercise of belly fat in hindi
प्राचीनकाल से ही आसन को किया जाता है रहा है इसलिए इसके परिणामो पर कोई संदेह नहीं है यह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं बल्कि विज्ञानरूपी है।
सूर्यनमस्कार से व्यक्ति के शरीर में निहित मणिपुर चक को विकसित होता है जिससे भयरहित होता है उसकी रचनात्मक प्रवित्ति बढ़ती है।
इस योगसन को करने से मणिपुर चक्र जो पहले बहुत छोटा है वह बढ़कर तीन गुना तक हो जाता है।
सूर्यनमस्कार को सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख करके किया जाता है। वैसे तो उगते सूर्य के समय करना बहुत अच्छा माना जाता है।
खाली पेट करना अति उत्तम होता है सूर्य की किरण से विटामिन डी मिलता है। इस समय इसकी रौशनी आँखों में चुभती नहीं है। .
सुबह करने से दिन भर आप ऊर्जावान रहते है।