मूलाधार चक्र(root chakra) कैसे जाग्रत करें और असंतुलन होने के लक्षण इन हिंदी

मूलाधार चक्र(root chakra) के बारे में बताये और इसे कैसे जाग्रत करें

muladhar chakra kaise jagart kare in hindi जब यह चक्र संतुलित होता है तो आप सुरक्षित और शांति महसूस करते है।   नए लक्ष्यों को प्राप्त करने में मूलाधार चक्र आपकी हेल्प करता है। धन की चिंता दूर रहती है। इस आर्टिकल जानिए मूलाधार चक्र बाधित(blocked) होने के लक्षण और उसे खोलने का तरीका।  

मूलाधार चक्र (root chakra) क्या होता है ? -what is muladhar/root chakra in hindi

मूलाधार चक्र को भौम चक्र भी कहते है क्योंकि यह भूमि यानि धरती से जुड़ा है। मूल (root) अर्थात जड़ और आधार मतलब (base) नींव। यह चक्र सभी चक्रों का आधार होता है इसलिए इसे मूलाधार कहते है।  यह व्यक्ति को भौतिक संसार और जमीन से जोड़ता है। 

मूलाधार चक्र आपके जीवन से सभी प्रकार के डर, असुरक्षा भावना को दूर करता है। यह आपको धरती माता से जोड़ता है। बिना इस चक्र के जागे आप अपने आगे के चक्रो को नहीं जगा सकते क्योंकि जब आधार ही मजबूत नहीं होगा तब ऊपर की मंजिले नहीं बन सकेंगी।

यह आपके रीढ़(spine) के सबसे नीचे व्यक्ति के गुप्तांग व गुदा में स्थित होता है।  इस चक्र की चार पखुंड़ी होती है और रंग में लाल होता है इसकी ध्वनि (लं) एवं लम है और तत्व पृथ्वी(earth element)। 

आकर्षण का नियम कैसे काम करता है जिससे सबकुछ पा सकते है-law of attraction use in hindi

 

मूलाधार चक्र असंतुलन होने के लक्षण - symtoms of unbalance root chakra in hindi

 यह chakra जीवन में आपके भोजन(food) और धन सबंधी नेगेटिविटी व चिंता को अधिक दर्शाता है। 

  • आपके शरीर में सुस्ती(laziness) रहती है, हाथ-पैरों में दर्द बना रहता है।
  • अस्तित्व के खतरे का डर। 
  • अवसाद। 
  • किसी भी तरह का डर(fear) है चाहे किसी व्यक्ति का भय या धन का जो आपको पैसो का एहसास करा रहे है। अपने डर को बाहर निकालने का प्रयास करें। यदि आप यह सोच रहे पैसो आने पर यह डर निकल जायेगा तो ऐसा बिलकुल नहीं है इस डर को अपने विचारो से निकालिये। 
  •  साइटिका(sciatica) रोग समस्या 
  •   एकाग्रता न होना 
  •   नकरात्मकता(negetivity) 
  •   निर्णय न ले पाना 
  •   असुरक्षा की भावना 
  •   संतुलित भोजन(balance diet) न करना 
  •   गलत लाइफस्टाइल 
  •   स्थिरता(stability) की कमी 

  मूलाधार चक्र के सक्रीयया /जाग्रत होने पर क्या होता है ? 

 मूलाधार चक्र के जाग्रत होने पर आपमें आत्मविश्वास बढ़ता है।  बात करने में कॉन्फिडेंस आता है।  सुरक्षित मसहूस करते है।  डर खत्म होने लगता है और आप पॉजिटिव सोचने लगते है। ऊपर बताये गए सभी लक्षण  खत्म होने लगते है। 0000 angel number meaning and importance in hindi है आध्यात्मिकता की शुरुवात

मूलाधार चक्र कैसे जाग्रत करें ? - How to awaken the Muladhara Chakra?

  •  मूलाधार चक्र को जाग्रत करने के लिए सुबह या शाम अल्थी-पालथी मारकर सीधे बैठे।  आस-पास कोई शोर न हो।  शांत हो जाये। 
  • आँखे बंद करें, आराम से गहरी साँस लें और मुँह से निकाले। 
  • अब अपना ध्यान उस स्थान पर केंद्रित करें जहाँ मूलाधार चक्र स्थित होता है यानि पीठ की रीढ़ के नीचे। 
  • कल्पना करें की एक रीढ़ की हड्डी के नीचे एक लाल रंग का फूल है जो अभी बंद है और फिर कल्पना करे की आपके साँस लेने पर धरती से एक लाल रंग की रौशनी उस फूल से जुड़ रही है। 
  • ऊर्जा मिलने के बाद वह फूल घूमने लगता है और फिर उस फूल से भी लाल ऊर्जा निकलती है जो आपके पूरे शरीर में फैलने लगती है।
  • अब मुँह से इस चक्र का बीजमन्त्र "लं या लम" की आवाज निकाले, कुछ इस तरह (L-A-A-A-A-A-M) जैसे ओम का उच्चारण किया जाता है।
  • हो सकता है कि शुरुआत के पहला या दूसरे दिन आपको चक्र न दिखे लेकिन आपको फाॅर्स नहीं करना है बल्कि अपनी कल्पना को बढ़ाने की कोशिश करे। यह सोचे की कोई red colour का चार पंखुड़ी वाला फूल। शुरुवात में सिर्फ थोड़ी देर ही ध्यान लगाए। उच्चारण को आप एक हफ्ते बाद करे।  पहले सात दिन सिर्फ चक्र को घूमने का अहसास करे।   जब इसमें स्थिर हो जाये तब टाइम बढ़ा सकते है।  कुछ महीनो बाद आप देखेंगे की आप काफी देर तक  बैठ सकते है। 

मूलाधार चक्र के लिए योग भी कर सकते है। 

मूलाधार चक्र(root chakra) को सक्रिय और जाग्रत करने के लिए ताड़ासन बहुत अच्छा है। कुछ योग करिये जैसे कि - कपालभांति, मलासन, बलासन, स्वष्तिकासन।  यह योग मूल चक्र पर अधिक केंद्रित होते है। 

मूलाधार चक्र के लिए आहार 

नंगे पैर कभी-कभी चले, जमीन पर बैठे, कुल मिलाकर मिटटी से जुड़े इससे यह चक्र का असर होता है।

निष्कर्ष 

इस लेख में रुट चक्र को जाग्रत करने का सरल तरीका बताया गया है।  आप किसी गुरु या विशेषज्ञ की सलाह अवशय लें।