इन आयुर्वेदिक उपायों से पाए गैस और कब्ज(constipation) से छुटकारा


इन आयुर्वेदिक उपायों से पाए गैस और कब्ज(constipation) से छुटकारा

kabj ka ilaj


kabj ka turant ilaj in hindi  बहुत से लोगो को पेट साफ न होने की परेशानी अक्सर रहती है जिसे कब्ज के रूप में भी जाना जाता है।  यदि कब्ज लम्बे समय तक रहने लगती है तो यह जीवन पर नकारात्मक असर डालता है जिससे व्यक्ति मेंटली डिस्टर्ब रहने लगता है।   यह बहुत से कारणों की वजह से हो सकता है।  लम्बे समय तक पेट साफ न रहने से शरीर में बीमारिया होने लगती है जानिए kabj ka ayurvedic ilaj -

कब्ज क्या होता है - what is constipation in hindi

जब व्यक्ति को मल त्यागने में बहुत परेशानी होती है तो यह अवस्था कब्ज की होती है ऐसे में मल सख्त हो जाता है और निकालने में ताकत लगानी पड़ती है। यह इसलिए होता है कि जब कोलन अधिक मात्रा में पानी ऑब्जर्व करने लगता है तो मल सूखा और सख्त हो जाता है। छोटी आंत के बाद मल बड़ी आंत में पहुँचता है लेकिन मल के आगे न बढ़ने के वजह से गैसे की भी समस्या होने लगती है।

कब्ज होने के कई कारण होते है कब्ज में घरेलू उपचार कारागार होते है लेकिन इसके साथ ही जीवनशैली भी बेहतर करनी चाहिए - कुछ कारक ऐसे होते है जो कब्ज की समस्या को बढ़ा देते है अतः उन चीज़ों से दूर रहे -

पेट साफ़ न होने के कारण - consipation causes in hindi 

आहार में उचित फाइबर न लेने से 

पानी बहुत कम पीने से 

अधिक सूखा भोजन करने से 

तरल पदार्थ कम लेने से 

मल लगने पर न करना 

दैनिक दिनचर्या संतुलित न होना 

पेट साफ़ न होने के लक्षण -  consipation symtoms in hindi 

भूख न लगना 

मिचली महसूस होना 

गन्दी डकारें आना 

पेट फूलना व भारीपन 

आलस होना 

मुँह में छाले होना 

मुँह से बदबू आना 

लम्बे समय तक कब्ज रहने से बवासीर भी हो सकती है। 

कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज - kabj ka ilaj in ayurveda  

इन आयुर्वेदिक उपायों के सेवन से वात संतुलित रहती है और पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करती है जिससे पेट और पाचन तंत्र साफ़ रहता है - 

1- अजवायन और हींग का आहार में इतेमाल करे। 

2- कब्ज रोगियों  पपीता अवश्य खाना चाहिए। 

3- अजवायन, सेंधा नमक और त्रिफला के चूर्ण को बराबर मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें।   

4- आयुर्वेद में त्रिफला को पेट साफ करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। 

5- त्रिफला में ही बेहड़, हरड़ को बराबर मिलाकर चूर्ण बनाये और नार्मल या गुनगुने पानी के साथ लें, आंवला का चूर्ण भी बराबर मात्रा मिला सकते है। 

6- छांछ पिए। 

7- बेल का शरबत पिए यह पेट को साफ़ रखने के लिए लाभदायक होता है। 

8- भिगोये हुए मुनक्के को दूध में उबाले और पिए।  

9- भोजन करने के कम से कम आधा घंटा बाद ही पानी पिए या 20 मिनट बाद।  यह बहुत असरदार उपाए है। 

10- गुनगुने दूध में कैस्टर या अरंडी का एक चम्मच तेल मिलाकर रात को पिए। 

11- सौंफ को भून लें फिर इसका पाउडर बनाकर गुनगुने पानी के साथ फांके। 

12- लौकी का जूस पीना भी पाचन तंत्र को दूरूस्त रखता है यह मल के कठोरपन को कम करता है। 

13- कई लोगो में डेरी उत्पाद से अपच हो जाती है तो ऐसे में डेरी प्रोडक्ट्स से दूर रहे।  

14- यदि डेरी प्रोडक्ट से कोई अपच नहीं  है तो यह कब्ज में फायदेमंद हो सकता है एक कप दूध में आधा या एक चम्मच घी मिलाकर रात को पिए। 

constipation से बचने के लिए आगे अन्य उपाए भी जानने के लिए पढ़ते रहे। 


कब्ज या पेट साफ़ न होने पर करे घरेलू उपाए - home remedies of constipation in hindi

यहाँ बताये गए घरेलू उपचार गैस और कब्ज  बहुत फायदेमंद और असरदार है -

रेशेदार आहार लें - 

यह अधिक से अधिक लोगों को पता है कि फाइबर युक्त भोजन खाना चाहिए इससे कब्ज जल्दी नहीं होती है।  डॉक्टर आपको दोनों तरह के फाइब घुलनशील और अघुलनशील फाइबर खाने के लिए कहते है।  घुलनशील फाइबर मल को नरम बनाता है और इससे मल त्यागने में आसानी होती है।  जो लोग फाइबर रुपी आहार सेवन करते है उनमे औरों तुलना में कब्ज की समस्या कम पायी जाती है। घुलशील फाइबर जैसे - मसूर, बीन्स, मटर  आदि।  

अघुलनशील फाइबर जैसे - मोटे अनाज, गेंहू के चोकर का भी सेवन अवश्य करे  यह पाचन को बेहतर बनाता है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है उसे किस प्रकार का फाइबर अधिक हजम होता है देखा जाये तो व्यक्ति को दोनों तरह का फाइबर का इस्तेमाल करना चाहिए। गैर-किण्वनीय घुलनशील फाइबर भी होते है जो आंत में ऐसे बैक्टीरिया बनाते है जो मल को मुलायम करते है। 


कब्ज में कैफीन -

वैसे तो सुबह पानी पीना आंत को उत्तेजित करता है जिससे मल त्यागने में आसानी होती है लेकिन कई लोगो में कुछ विशेष खाने से उनकी आंते उत्तेजित होती है जैसे चाय या कॉफ़ी।  उनमे पानी से भी अधिक चाय या कैफीन युक्त पदार्थ फायदा करता है, हा यह बात अलग है कि स्वास्थ्य के नजरिये से यह सही न हो।  पानी से हेल्थ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। 

कब्ज में राहत दे दलिया -

दलीया खाये इसमें प्राकृतिक फाइबर और मैग्नीशियम होता है यह एक सुपरफूड की तरह है जिसे खाने से जल्दी कब्ज नहीं होती है। 

पेट साफ करे मुलेठी - 

मुलेठी और गुड़ पेट साफ करने और कब्ज  बहुत फायदेमन्द होता है इसके लिए एक चम्मच मुलेठी का पाउडर लें इसमें इतना ही गुड़(jaggery) मिलाये और गुनगुने पानी साथ खाये। 

सेना कब्ज के लिए 

सेना में ग्लाइकोसाइड्स नामक यौगिक होता है यह आंत की नसों को उतेज्जित करता है  त्यागने में दिक्कत न हो।  गर्भवती माताओं को इसे नहीं लेना चाहिए या पहले डॉक्टर से अवशय पूछे।  कब्ज लिए आपके डॉक्टर और भी कई तरह सकते है जैसे माल  पानी  मात्रा बढ़ाने वाले जुलाब, मल को नरम बनाने वाले जुलाब आदि। 

तिल कब्ज में फायदेमंद 

कुछ नेचुरल तैलीय स्रोत होते है जो आंतो में चिकनाई बनाये रखते है जिससे मॉल त्यागने में आसानी रहती है। तिल या अलसी का लड्डू खाये या सलाद के ऊपर डालकर खाये। 

प्रीबायोटिक्स युक्त पदार्थ कब्ज में लाभकारी -

प्रीबायोटिक्स आंत बैक्टीरिया के संतुलन में सुधार करता है जिससे कब्ज कम होती है।  प्रीबायोटिक्स  जैसे - लहसुन, प्याज, चने, केले।

अंजीर कब्ज असरदार -

अंजीर(figs) में उच्च फाइबर सामग्री होती है।  यदि बच्चों में कब्ज है तो इसके लिए अंजीर बहुत फायदेमंद होता है। 

नीबू पाचन तंत्र में करे सुधार 

नींबू के रस में साइट्रिक एसिड होता है यह शरीर डेटॉक्स करने के साथ ही पाचन तंत्र  उत्तेजित करता है।  सुबह इसे पीना अधिक फायदेमंद रहता है इसकी जगह नींबू  भी ले सकते है। 

निर्जलीकरण(Dehydration) कब्ज के सामान्य कारणों में से एक है।

ग्लूकोमानन 

ग्लूकोमानन एक प्रकार का घुलनशील फाइबर है जो कोन्जैक(शिरताकी) पौधे की जड़ों से प्राप्त होता है। ग्लूकोमानन मल त्याग में सुधार के साथ आंत में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बेहतर बनाने के लिए एक प्रीबायोटिक के रूप में कार्य कर सकता है।  इसके टेबलेट और नूडल्स आते है।  लेकिन इस पर और अध्ध्यन अभी बाकि।  अदरक शरीर में अदरक प्रदान करता है 

मैग्नीशियम साइट्रेट जो एक प्रकार का आसमाटिक रेचक(osmotic laxative) है यह आंत को साफ़ करने का काम करता है। 


निष्कर्ष 

इस आर्टिकल में बताये गए कब्ज के घरेलू और आयुर्वेदिक इलाज सामान्य जानकारी प्रदान करते है प्रयोग से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।