aplastic anemia ke lakshan, Karan aur ilaj जिस प्रकार एनीमिया में सही खान-पान न होने में खून की कमी हो जाती है चाहे वह स्त्री हो पुरुष। लेकिन महिलाओं में खासकर एनीमिया होने की दर अधिक होती है। आहार में आयरन लेने से और पोषक तत्वो के सेवन से इस बीमारी से तो निजात पाया जा सकता है लेकिन अप्लास्टिक एनीमिया, साधारण एनीमिया से अलग होता है जो कि अधिक जानलेवा होता है जानिए क्या होता है अप्लस्टिक अनीमिया, लक्षण, कारण और इलाज।
अप्लास्टिक एनीमिया क्या होता है - what is aplastic anemia in hindi
बोन मैरो एक ऊतक है और हड्डियों के भीतर होता है, इन्ही बोन के अंदर कि स्टेम कोशिकाओं को जब छति होने लगती है तो अप्लास्टिक एनीमिया का खतरा होता है। ऐसे में खून बनाने वाली कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है साथ ही प्लेटलेट्स और सफ़ेद सेल्स भी पहले से कम बनती है । जिससे व्यक्ति में और खून की कमी होती चली जाती है जिससे वह कमजोर होने लगता है।
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अधिकतर यह आटो इम्यून विकार के वजह से होता है जिसमे इम्म्यून सिस्टम अपनी ही कोशिकाओं पर हमला कर देता है।
इस बीमारी का पता एकदम से नहीं चलता है बल्कि धीरे-धीरे लक्षण सामने आते है, ध्यान न देने में स्थिति गंभीर हो जाती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन अधिकतर युवा और बुजुर्गों में होता है।
अप्लास्टिक एनीमिया का कारण - aplastic anemia causes in hindi
विशेष दवाओं के सेवन से
आटो इम्यून विकार कारण
जेनेटिक कारण
कुछ अलग विकार के वजह से भी यह बीमारी हो जाती है।
इन्फेक्शन की वजह से
गर्भावस्था के दौरान
कीटनाशक दवाईयों के संपर्क से
अप्लास्टिक एनीमिया के प्रकार - types of aplastic anemia in hindi
यह दो प्रकार का होता है एक्वायर्ड और दूसरा इन्हेरिटेड।
एक्वायर्ड एनीमिया (Acquired Aplastic anemia)
एक्वायर्ड एनीमिया कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट, HIV , रेडिएशन जैसे चीज़ो से संपर्क में आने से होता है। यह बुजुर्गो वर्ग को अधिक होता है।
इन्हेरिटेड एनीमिया((Inherent Aplastic anemia)
यह जेनेटिक होता है जिसे हिंदी में वंशानुगत कहते है। इसमें ल्यूकेमिया होने का खतरा रहता है।इन्हेरिटेड एनीमिया युवाओं में अधिक होता है।
अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण - symtoms of aplastic anemia in hindi
कमजोरी, थकान, शरीर पीला होना, साँस न ले पाना।
चोट लगने पर लम्बे समय तक खून न रुकना
चकत्ते पड़ना
ब्लड टेस्ट
डॉक्टर प्लेटलेट्स, सफ़ेद सेल्स और रेड ब्लड सेल्स की मात्रा जानने के लिए टेस्ट करने को कहते है। यदि तीनो ही कम होते है तो अप्लास्टिक एनीमिया हो सकता है।
अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज - treatment of aplastic anemia in hindi
चिकित्सक बोन मैरो प्रत्यारोपण की सलाह दे सकते है। जब आपका ब्लड किसी से मैच हो।
यदि गंभीर स्थिति नहीं है तो दवाईयों से इलाज होता है।
शरीर को संक्रमण से बचाने के लिए एंटी-फंगल और एंटी-बायोटिक दवाएं दी जाती है।
डॉक्टर कुछ ऐसी दवाईयां भी देते है जिससे प्रतिरक्षा प्रणांली बोन मैरो के सेल्स को और नुकसना न पहुंचाए।
अप्लास्टिक एनीमिया का आयुर्वेदिक इलाज - Ayurvedic treatment for Aplastic anemia in hindi
गिलोय - एनीमिया के इलाज में प्रभावी हो सकता है यह रक्तशोधक है और इम्मून मॉड्यूलेटर माना जाता है।
डाबर लौहसव - आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आप डाबर लौहसव ले सकते है यह औषधिये पौधों और प्राकृतिक आयरन का संयोजन है।
सहजन - यह विटामिन बी6, सी और फोलिक एसिड का लौह के प्रतिधारण में सहायक है।
पुणर्नवा (Boerhavia diffusa) - इसकी जड़ आपके शरीर में नई ब्लड सेल्स का उत्पादन करने में मदद करता है। इसे आप पाउडर और क्वाथ के रूप में ले सकते हैं।
अश्वगंधा (Withania somnifera) - यह भी शरीर में नये रक्त को बनाने में बहुत मदद करता है। इसके सेवन से शरीर को स्ट्रेस से निपटने में सहयोग प्रदान करता है।
शतावरी (Asparagus racemosus) - यह शरीर को ताकत देने के साथ नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में मदद करता है। इसे भीपाउडर या क्वाथ के रूप में लिया जा सकता है।
गुडूची (Tinospora cordifolia) - यह भी बहुत असरदार आयुर्वेदिक औषधि है जो अप्लास्टिक एनीमिया में लाभकारी है।
अप्लास्टिक एनीमिया में क्या खाना चाहिए? - what to eat in aplastic animea in hindi
अप्लास्टिक एनीमिया में आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए जो रक्त बनाने में मदद करने वाले हो । इसके साथ ही शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और ऊर्जा मिल सके।
आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते है -
हरे पत्तेदार सब्जियां जैसे - पालक, सरसों के पत्ते, मेथी आदि जो रक्त बनाने में सहायता करती हैं।
लाल रंग की सब्जियां जैसे - टमाटर, गाजर, चुकंदर(बीटरूट) आदि ये सभीआपके शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स प्रदान करती हैं।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मांस, मछली ।
कुछ फल भी जैसे - संतरा, अनार, सेब, केला जो आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं।
एनीमिया होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? - Food avoid during animea in hindi
एनीमिया होने पर उन पदार्थो को ग्रहण करने से बचे जिनसे हेमोग्लोबिन का स्तर प्रभावित होता है। ये आहार निम्नलिखित हैं:
एनीमिया होने पर कुछ तंदुरुस्त खाद्य पदार्थ जैसे कि स्पाइसी और तली हुई चीजें, रेस्टोरेंट खाने की चीज़ें, अधिक खाने से बचना चाहिए।
कैफीन वाली ड्रिंक्स, चाय, कॉफी एनीमिया के मरीजों के लिए नुकसानदायक होती हैं।
एनीमिया के रोगी एल्कोहल से दूर रहे, यह विटामिन ए और फॉलिक एसिड को शरीर से बाहर निकाल देता है।
इसके अलावा डेरी प्रोडक्ट भी सिमित मात्रा में ही सेवन करे।
दूध, दही आदि।
निष्कर्ष
अप्लास्टिक अनीमिया एक गंभीर बीमारी है डॉक्टर को दिखने में देर न करें। यहाँ बताई गयी जानकारियां सामान्य है।
FAQs
Q- एनीमिया रोग कौन से विटामिन की कमी से होता है?
A- एनीमिया मुख्यतः विटामिन बी 12 की कमी से होता है, इसके अलावा यह विटामिन सी और फोलिक एसिड की कमी भी कारण है।
Q- एनीमिया होने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
A- इसके होने की सबसे बड़ी वजह शरीर में आयरन की कमी है और यह कई बार सही डाइट न लेने के कारण भी होता है ऐमें ब्लड सेल्स बनना कम होने लगती है।