गर्मी में फालसा(sherbet berry) खाने के 10 फायदे और नुकसान

 

गर्मी में फालसा(sherbet berry) खाने के 10 फायदे और नुकसान
फालसा(sherbet berry)

फालसा का पौधा आम तौर पर भारत में पाया जाता है,  लेकिन इसे श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे कई दक्षिण-पूर्व एशियाई उष्णकटिबंधीय देशों में भी उगाया और काटा जाता है। फालसा एक बहुत ही नाजुक और जल्दी खराब होने वाला फल है, जिसकी शेल्फ लाइफ कम होती है और अक्सर गर्मियों के दौरान इसे जल्दी से खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी कारण से यह पूरी दुनिया में उपलब्ध नहीं हो पाता। इस आर्टिकल में जाने सेहत के लिए फालसा खाने के फायदे 


भारतीय फालसा को  इसे अंग्रेजी में शर्बत बेरी(sherbet berry)  कहते है।  इसका वैज्ञानिक नाम ग्रेविया एशियाटिका बैगनी मटर की तरह दिखने वाले इस फल में बेरी का मीठा और खट्टा स्वाद होता है जो अंगूर और जामुन के समान होता है। यह एक मौसमी फसल है जो ज्यादातर मई और जून के महीनों में उगाई जाती है ।

फालसा खाने के फायदे -benefits of phalsa/sherbet berry in Hindi 

फालसा हीमोग्लोबिन बढ़ाए

फालसा फल में मौजूद आयरन की मौजूदगी रक्त में  हीमोग्लोबिन की संख्या को बढ़ाता है जो एनीमिया होने खतरा कम रहता है। 

फालसा गठिया में फायदेमंद 

फालसा फल के अर्क में फेनोलिक यौगिक, फ्लेवोनोइड्स और विटामिन सी होते हैं। यह विभिन्न अध्ययनों से साबित होता है कि नियमित आहार के साथ फालसा का सेवन से गठिया के प्रभावी ढंग से इलाज में फायदेमंद हो सकता है।

फालसा स्किन के लिए 

फालसा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व मुक्त कणों(फ्री रेडिकल्स)  को हटाता है, जिससे त्वचा जवां और स्वस्थ दिखती है। फालसा में एंथोसायनिन की उपस्थिति कोलेजन की रक्षा करती है जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करती है, जिसके परिणामस्वरूप एक स्पष्ट और चमकदार त्वचा होती है।

फालसा बालों के लिए 

फल में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो "बालों और खोपड़ी की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिसमें रूसी भी शामिल है। यह खोपड़ी की त्वचा के ph के संतुलन को नार्मल करने में मदद करता है। 

जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है

फालसा में पाए जाने वाले  एंटीऑक्सीडेंट सामग्री सूजन-रोधी गुणों का संचार करती है। यह गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में हड्डियों के गंभीर दर्द को कम करने में मदद करती है और जोड़ों की सक्रियता  को बढ़ाने में भी मदद करता है।

शरीर को प्राकृतिक शीतल दे 

फालसा में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो गर्म शरीर को ठंडा करने के साथ-साथ गर्मी से होने वाली बीमारियों को दूर करने का भी एक आदर्श विकल्प बनाता है। 

फालसा मधुमेह के लिए 

इसके अर्क में बायो एक्टिव यौगिक फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनॉयड उपस्थित होते है जो हाईपो ग्लाइसेमिक एंटीऑक्सिडेंट प्रतिरक्षा प्रभाव होते है । इसलिए सीमित रूप से  मधुमेह वाले भी खा सकते हैं ।

एग्जिमा में लाभकारी 

इसकी पत्तियां एग्जिमा में लाभकारी है। पत्तियों को पीस एग्जिमा वाली जगह पर कुछ दिन लगाए।

पाचन के लिए 

इसमें फाइबर उपस्थित होता है। पाचन के लिए बहुत लाभकारी है इसका जूस पीने से मल आसानी से निकलता है। 

सोडियम का स्रोत फालसा 

सोडियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में कार्य करता है जो एंजाइम का संचालन करता, पानी  बनाये रखता है  और मांसपेशियों को विनियमित करता है। 

फालसा को कैसे खाए -how to eat phalsa in hindi 

 इसे सीधे है धो कर काला नमक के साथ खाए।

 फालसा का रस निचोड़ें, थोड़ा सा गुड़ डालें और इस देसी शरबत का सेवन करने से भीषण गर्मी से तुरंत राहत मिलती है।

 २ कप फालसा ले और उन्हें कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो दें। फिर मिक्सचर में महीन पेस्ट बना लें। अब एक पैन में चीनी की चाशनी बना ले इसे उस मिक्सचर में डाल दे। अब इसमें चाहे तो काला नमक डाल सकते है। 

फालसा  के नुकसान - side effect of falsa/sherbet berry in hindi

जिनका ग्लूकोस लेवल कम रहता है  उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए या बहुत कम करना चाहिए। 

इसमें कैल्शियम बहुत होता है अधिक खाने से शरीर में कैल्शियम बढ़ जाता है जिससे हाइपरलकसीमियाहो हो सकता है।

फालसा में पाए जाने वाले किसी पोषक तत्व खाने से ऐलर्जी हो रही है तो न खाये। 

निष्कर्ष 

इस लेख में फालसे के फायदे और नुकसान इन हिंदी का सामान्य जानकारी दी गयी है किसी बीमारी से ग्रस्त है और दवाई ले रहे है या ऐलर्जीक है तो डॉक्टर से खाने से पहले पूछ लें।