दांतो में पानी लगने पर तेज झनझनाहट हो तो करे यह घरेलू इलाज - tooth sensitivity treatment in hindi

दांतो की सेंसिटिविटी(झनझनाहट) खत्म करने का घरेलू इलाज
दांतो की संवेंदनशीलता का इलाज 

tooth sensitivity treatment in hindi दांतो की सेंसिटिविटी या झनझनाहट होने पर व्यक्ति कुछ भी अधिक ठंडा या गर्म खाने में असमर्थ हो जाता है।  दस में से एक व्यक्ति को यह समस्या जरूर हो जाती है।   इस आर्टिकल में दांतो  की सेंसिटिविटी (संवेदनशीलता) को  दूर करने का घरेलू उपचार बताया गया है -  

दांतो में झनझनाहट क्यों होती है - sensitivity in teeth meaning in hindi


जब लोग कहते है कि उनके दांतो में ठंडा या गर्म पानी लगता है तो इसे दांतो की सेंसिटिविटी या डेंटिन हाइपर सेंसिटिविटी भी कहते है।  मुँह के अंदर मसूड़ों के ऊपर जो दांत में देखते है उस दांत के अंदर एक प्लप होता है उस पल्प के बाहरी परत को हम डेंटिन कहते है और इस डेंटिन परत के बाहर एक और परत होती है जिसे इनेमल कहते है।   

जब कभी इनेमल वाली परत कमजोर होके पतली या झड़ जाती है तो डेंटिन वाली परत दिखने लगती है और यह परत काफी सेंसिटिव होती है इसमें रक्त संचार रहता है इसलिए जब भी ठंडा या अधिक गर्म का सेवन करते है तो इसी डेंटिन की वजह से झनझनाहट होती है। 

साथ ही मसूड़े खुलने से मसूड़ों के नीचे के दांतो में भी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। 

सायटिका दर्द का घरेलू उपचार

दांतो में झनझनाहट के कारण - causes of tooth sensitivity in hindi 

बहुत अधिक ब्रश करने से 

दांतो को अधिक पीसने से 

अधिक अम्लीय चीज़े खाने से 

जिनके दांत फटे हो 

अल्कोहल के ज्यादा इस्तेमाल से 


दांतो की संवेदनशीलता के लिए घरेलू उपचार -sensitive teeth treatment in hindi 

इन उपयो को कुछ दिन तक प्रयोग करे -


सरसों का तेल और नमक से सेंसिटिविटी करे दूर 

सरसों के तेल में नमक मिलाकर दांतों में धीरे-धीरे लगाए।  कई दिन तक यह करे झाझनाहट में आराम मिलेगा। 

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अमरुद की पत्ती से झनझनाहट से राहत पाए 

यह सबसे आसान तरीका है।  अमरुद एक घरेलू पेड़ है जिसकी पट्टी हर जगह मिल जाती है।  इसकी पत्तियों क चबाये इससे निकलने वाला रस या अर्क में फ्लेनोवोइड होता है जो दांत दर्द को दूर और दुर्गन्ध को भी कम करता है। 


लौंग जेल देगा दांतो को ठंडा या गर्म से आराम 

इस दांत दर्द के लिए लौंग को कई लोग इस्तेमाल करते है।  लौंग का जेल भी मार्किट में मिल जायेगा जिसे दर्द वाले दांत के हिस्से में लगाया जा सकता है।  


आयल पुल्लिंग करे दांतो की तकलीफ दूर 

इसमें अपने मुँह में नारियल तेल को लेके चारो तरफ घुमाना होता है।  नारियल का तेल एंटीबैक्टीरिअल युक्त होता है।  जो मुँह के हानिकारक जर्म्स को खत्म करता है।  यह बहुत पुराना तरीका है।  तिल का तेल भी प्रयोग कर सकते है। 

नमक पानी से कुल्ला  करे 


नमक के पानी से कुल्ला करना एक सरल और प्रभावी घरेलू उपाय है। यह उपयोग किए जाने वाले सबसे आम समाधानों में से एक है क्योंकि अधिकांश लोगों के पास नमक और पानी आसानी से उपलब्ध है।


पानी में मिला हुआ नमक मुंह के पीएच संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है। बदले में, मुंह अधिक क्षारीय हो जाता है, हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है जिससे दांतों की संवेदनशीलता हो सकती है। खारे पानी भी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और आमतौर पर दांत दर्द से राहत के लिए या दांत की प्रक्रिया के बाद इसकी सिफारिश की जाती है।


एक छोटा गिलास गर्म (गर्म नहीं) पानी का प्रयोग करें और इसमें लगभग दो चम्मच नमक मिलाएं। नमक घुलने तक हिलाएं। इस मिश्रण से गरारे करें और अपना मुंह धो लें। खारे पानी को न निगलें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे दिन में 1-2 बार दोहराएं।


प्याज देगा दांतो को झनझनाहट  आराम 

प्याज फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी रिएक्टर के रूप में काम करता है। जब आप प्याज का सेवन करते हैं, तो यह सूजन को कम करने में मदद करता है और संभावित रूप से दर्द को शांत करता है। प्याज एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल भी होता है, जो बैक्टीरिया और संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है।


प्याज से लाभ पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि प्याज के एक टुकड़े को उचित आकार में काट लें और इसे अपने मुंह में प्रभावित क्षेत्र के खिलाफ रखें। प्याज के टुकड़े को लगभग 5 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर नमक के पानी से धो लें।


लहसुन

लहसुन एक जड़ी बूटी है जिसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी दोनों गुण होते हैं। आप लहसुन की कलियों, नमक और पानी का उपयोग करके अपना खुद का टूथ रिलीफ कंपाउंड बना सकते हैं।


सेब करे दांतो की परत को मजबूत 

सेब खाने से दांत साफ रहते है लेकिन ऐसे सेब का सेवन करे जो थोड़े रसीले हो इनमे पानी की मात्रा अधिक होती है।  सूखे जैसे दिखने वाले सेब में अधिक मिठास होती है इन्हे खाने से अवॉयड करे। 


यहाँ बताये गए आहारों का सेवन करने से दांतो की रक्षा सकते है -

ऐसे सब्जियों एवं फलों खाये जिनमे फाइबर मौजूद हो।  इस प्रकार के पदार्थ खाने से पाचन क्रिया बेहतर रहती है जिससे अपच नहीं होती है और न ही अतिरिक्त एसिड का निर्माण होता है और एसिड का निर्माण न होने से दांतो की सुरक्षा होती है। 

डेरी प्रोडक्ट्स खाये जिनसे दांतो को कैल्शियम मिले लेकिन सिमित मात्रा में ही । जैसे - दूध, पनीर, दही आदि।


दांतो की सेंसिटिविटी के दौरान न खाने वाले आहार 

टोमेटो सॉस 

कैंडीज़ 

स्वीट्स 

चिप्स 

स्टिकी फ़ूड 


निष्कर्ष

दांतों संवेदनशील(tooth sensitivity) के लिए ये घरेलू उपचार उपलब्ध सबसे सरल और सबसे सुविधाजनक  हैं। यदि इन घरेलू  उपचारो के बाद भी तकलीफ बनी रहे तो अपने स्थानीय दंत चिकित्सक से संपर्क करें।