परेशान है एसिडिटी या सीने की जलन से तो अपनाये ये घरेलू उपाए - how to prevent acidity (heart burn) in hindi

परेशान है एसिडिटी या सीने की जलन से तो अपनाये ये घरेलू उपाए - how to prevent acidity (heart burn) in hindi
acidity ka gharelu upaye

seene me jalan aur acidity ka gharelu upay एसिडिटी या एसिडिटी रिफ्लक्स की मुख्य वजन अधिक भोजन और ख़राब जीवन शैली है।  लेकिन जब यह हफ्ते में दो से तीन बार होने लगे तो गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग या जीईआरडी बीमारी का संकट भी हो सकता है।  इस आर्टिकल में एसिडिटी के घरेलू उपाय(home remedies for acidity and gas problem in hindi) बताये गए है -  

एसिडिटी या हार्ट बर्न क्या होता है - what is acidity and hurt burn in hindi ?

भोजन करने के बाद जब भोजन एसोफैगस से पेट में जाता है तो गैस्ट्रिक ग्लैंड्स आहार पचाने के लिए एसिड बनाती है लेकिन जब आवश्यकता से अधिक एसिड का निर्माण होता है तब यह एसिड वापस नली की ओर जाने लगता है जिससे ब्रेस्टबोन यानि छाती के नीचे जलन होने लगती है इसे ही एसिडिटी या सीने की जलन (हार्ट बर्न) कहते है। 

एसिडिटी से यह परेशनी भी आ सकती है -

एसोफैगस क्षति: एसोफैगस वह ट्यूब है जो आपके मुंह को आपके पेट से जोड़ती है और जब एसिड वापस ऊपर जाता है और एसोफैगस में प्रवेश करता है, तो यह एसोफेजेल अल्सर, एसोफैगिटिस, एसोफेजेल सख्त, और बैरेट के एसोफैगस के लिए चरण निर्धारित करता है।)

एसोफैगस कैंसर: एसोफैगस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जो कि परिवार में स्थिति का इतिहास होने पर अधिक संभावना है।

दांतों की सड़न: एसिड रिफ्लक्स आपके दांतों के इनेमल को खराब कर सकता है और कैविटी का कारण बन सकता है।)

एसिडिटी होने के कारण acidity causes in hindi

अधिक तीखा, मसालेदार खाने पर 

खाने के बाद तुरंत लेट जाना 

अधिक खा लेना 

मोटापा 

विशेष प्रकार की दवाईयां लेने पर जैसे - बीपी की, एस्प्रिन। 

एसिडिटी या सीने की जलन के लक्षण - acidity symtoms in hindi

एसिडिटी या हार्ट बर्न के लक्षण इस प्रकार है -

छाती या छाती के आस-पास जलन होना

 डकार आना 

उलटी महसूस होना 

बिना पचा भोजन मुँह में वापस आना 


एसिडिटी का घरेलु उपाय - acidity home treatment in hindi

acidity ka gharelu ilaj in hindi यहाँ बताया गया है जो इस प्रकार है -

सौंफ 

सौंफ को भोजन के बाद अवश्य खाये।  यह बहुत पुराने समय से आजमाया जाता रहा है।  रेस्टॉरेंट में खाने के बाद इसे दिया जाता है।  यह एसिडिटी और जलन को शांत करता है।  यह खाने में भी स्वादिष्ट होता है यह आयुर्वेदिक उपचार है।   

तुलसी 

तुलसी की पत्तियों को सीधे चबाये या उसे उबालकर ठंडा कर ले और तब पिए।  यह एसिडिटी के लिए सबसे अच्छा उपाए है।  

पुदीना 

पुदीना में ठंडक देने वाले कूलिंग एजेंट होते है जो सीने की जलन और एसिडिटी में राहत देते है। इसकी चाय बनाकर पिए। 

सेब का सिरका 

एप्पल साइडर विनेगर या सेब का सिरका एसिडिटी के लिए उत्तम है।  एक चम्मच इस सिरके को एक कप पानी में मिलाये और पी ले।  दिन में दो बार पि सकते है।  

नारियल पानी 

यदि प्रतिदिन नारियल पानी का सेवन करते है तो आपको हार्ट बर्न में आराम मिल जायेगा।  नारियल में फाइबर  होता है जो भोजन को अच्छे से पचाता है। 

छांछ 

अक्सर लोग खाने  बटर मिल्क या छांछ पीते है जिससे भोजन के बाद खट्टी डकार या छाती में जलन न हो।  आप भी इसका प्रयोग करें। 

आँवला पाउडर 

 आंवला पाउडर को गुनगुने या सादे पानी के साथ खाने के बाद लें। इसमें विटामिन सी होता है।  यह पेट की जलन को शांत करता है।   

बादाम  

बादाम (बिना भिगोया हुआ) खाये यह हार्ट बर्न में आराम देता है।  इसमें फाइबर होता है जो पाचन के लिए बेहतर है।  

अदरक और नीबू 

अदरक और नीबू  गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिए यह हमेशा होने वाली एसिडिटी में फायदा देता है।  अदरक एसिडिटी बढ़ाने वाले तत्वों को कण्ट्रोल करता है साथ ही जी मिचलाना को रोकता है।  यह मेटाबोलिज्म को मजबूत करता है।

नाशपाती का जूस 

नाशपाती का जूस एसिडिटी और सीने की जलन से राहत दिला सकता है।  नाशपती में ब्रोमेलिन (bromelain) होता है  ज हयड्रोक्लोरिक लेवल को नियंत्रित करता है। 


 निष्कर्ष 

अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए मसाले वाली चीज़े कम खाये, उन कारणों से दूर रहे जो how to prevent acidity in hindi बढ़ाने में मदद करती है।