पीरियड के बाद ovulation कब और कैसे होता है


पीरियड के बाद ovulation कब और कैसे होता है
ovulation kab hota hai 

ovulation in hindi- period  के बाद ओवुलेशन कब और कैसे होता है  यह इसके बारे में लोगो में बहुत confusion रहता है। इसलिए पहले यह जानना आवश्यक है की ओवुलेशन(डिम्बक्षरण) क्या होता है यह किस परिस्थिति में होता है। 


ओवुलेशन क्या है - meaning of ovaluation in hindi 


हर महीने एक महिला अपने अंडाशय यानि ओवरी से एक अंडे(डिम्ब या egg)  को परिपक्व करके निषेचन(fertilize) के लिए तैयार करती है इसे ही अण्डोत्सर्ग (ovualtion) कहते है। इस समय  महिला प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होती है।

इस दौरान यदि वह असुरक्षित सम्भोग करती है तो प्रेग्नेंट होने के चांसेस बढ़ जाते है।एस्ट्रोजन हार्मोन्स के कारण इस समय महिला को संभोग की तीव्र इच्छा होती है। 

अण्डोत्सर्ग कब होता है - ovulation kab hota hai in hindi 

यदि आपको पीरियड 1 मार्च को आया है तो पीरियड के पहले दिन से गिनते हुए 14वें या 15वे दिन ओवुलेशन होगा। यदि माहवारी अनियमित है तो ओवुलेशन के दिन आगे पीछे हो सकते है।

एक तरीका यह की आप पीरियड  का पहला  दिन और अगले period के पहले दिन  तक के सारे दिनों को जोड़ ले और उसमे से 14 दिन को घटा दे जो दिन बचेगा वही आपके ovulation का टाइम होगा।

अण्डोत्सर्ग के कारण - ovulation Ke karan in hindi

 फॉलिकल अंडाशय में  तरल गुहे के रूप में होते है जिनमे  अविकसित अंडे होते है,  एस्ट्रोजन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन्स (एल एच हार्मोन्स) प्रजनन हार्मोन्स है, यह फॉलिकल को  फूटने के लिए उत्तेजित करती है जिससे वह अंडे को फॉलिकल ट्यूब तक ले जाये।


अण्डोत्सर्ग कैसे होता है - ovulation kaise hota hai in hindi 

महिलाओं के दोनों तरफ अंडाशय मौजूद होता है और दोनों में से जिस अंडाशय में सबसे अधिक परिपक्व अंडे होते है उसी से ओवुलेशन होता है और कोई एक अंडा  सम्पूर्ण रूप से मैच्योर हो के निकलता है।

प्रत्येक पीरियड के दौरान महिला के  प्रजनन हार्मोन्स अंडाशय को encourage करते है जिससे अपरिपक्व अंडे (ओक्साइटस) परिपक्व होने लगते है। 

शुरुवात में बहुत सारे अंडे परिपक्व होते है लेकिन कोई एक ही अंडा ओवेरियन फॉलिकल द्वारा पूरा परिपक्व हो के निकलता है और फैलोपियन ट्यूब से होते हुए  नीचे गर्भाशय में जाता है और शुक्राणु(sparm) का इंतज़ार करता है । 

इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन्स की वृद्धि रहती है जिसके फलस्वरूप गर्भाशय अपनी दीवार को मोटी कर लेता है जिससे अगर अंडे को स्पर्म मिलता है और वह भूर्ण बनता है तो गर्भाशय की दीवार से सट सके लेकिन जब अंडा फर्टिलाइज़्ड नही होता है तो गर्भाशय फिर से अपनी दीवार पतली कर लेता है, 

जिससे दो हफ्ते बाद यही मोटी दीवार के ऊतक  और अंडे का तरल ब्लड के रूप में गिरते है जिसे पीरियड कहते है।  इस तरह हर मासिक चक्र दौरान ऐसा ही होता है।  

 ओवुलेशन के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है 

पीरियड के दौरान जो दम्पति बर्थ कण्ट्रोल का उपयोग नहीं करते है उनको 30 प्रतिशत तक प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान ओवुलेशन का समय होता  है और  अंडे निषेचन के लिए तैयार रहते है, 

जो अंडा स्पर्म का इंतज़ार करता है वह केवल 12 से 24 घंटो के लिए जीवित रहता है (इसके बाद वह योनि से तरल पदार्थ के रूप में गिर जाता है) यदि आप ओवुलेशन शुरू होने के 5 दिन पहले  से लेकर ओवुलेशन के आखरी दिन तक सम्भोग करती है तो गर्भवती होने का मौका अधिक रहता है इस समय को  फेर्टिलाइज़्ड विंडो कहते है इस समय गर्भधारण की सबसे अधिक चांस रहते है।



 यदि किसी वजह से आप ओवुलेशन के दिन तक सेक्स नहीं कर पायी तो भी गर्भवती हो सकती  है क्योंकि  पुरुष के शुक्राणु  फेलोपियन ट्यूब में लगभग 5 दिनों तक जीवित रहते है यदि ओवुलेशन शुरू होने के 4 से 5 दिन पहले सेक्स कर लेती है  तो  पुरुष के शुक्राणु फेलोपियन ट्यूब में मौजूद रहेंगे और ovulation के दिन परिपक्व अंडे को स्पर्म मिल सकेगा। क्योंकि परिपक्व अंडा फेलोपियन ट्यूब से होता हुआ आता है।

यदि आप बर्थ कण्ट्रोल करना चाहती है तो इन दिनों सयोंग न करें। 50 की उम्र के बाद ओवुलेशन होना खत्म हो जाता है इस अवस्था को रजोनात्ति कहते है।

क्या अण्डोत्सर्ग (ovulation) प्रभावित हो सकता है 


यदि आप माँ बनना चाहती है तो आपको अपने अण्डोत्सर्ग के समय को समझना होगा क्योंकि तनाव का, गर्भनिरोधक गोलियों का, अन्य दवाओं का, किसी प्रकार की बीमारी से आपकी ओवुलेशन और प्रेगनेंसी पर  में फर्क पड़ता है आप अपने मासिक चक्र पर ध्यान देंगी तो अच्छे से प्लानिंग कर पाएंगी।

क्या दो बार ओवुलेशन हो सकता है- kya do bar ovulation ho skta hai


हां दो बार भी हो सकता है  कई महिलाओं में दो बार ओवुलेशन हो जाता है,  इससे जुड़वा बच्चे होने की सम्भवना रहती है।  अक्सर महिलाओं को पीरियड के बाद भी कभी -कभी हल्का ब्लड दिखाई देता है हलाकि यह माहवारी नहीं होती है ये ओवुलेशन हो सकता है। जिसमे भूर्ण न बनने की स्थिति में गर्भाशय के ऊतक हल्के ब्लड के रूप में गिरते है।  

ओवुलेशन के लक्षण - symptoms of ovulation in hindi

अण्डोत्सर्ग इन हिंदी  को पहचानने के लिए शरीर में निम्न तरह के लक्षण दिखते है -

  • आपके शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है या गिर सकता है। 
  • इस दौरान ग्रीव में (cervical mucus)  अधिक पतला तरल रुपी पदार्थ बना रहता है। 
  • सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है। 
  • गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती है। 
  • बहुत हल्के रंग का ब्लड भी दिखाई दे सकता है। 
  • पेट के नीचले हिस्से में थोड़ी ऐठन हो सकती है। जिसे मित्तेलेस्चर्म कहते है।
  • योनि सूजन लग सकती है।
  • नमकीन खाने की तेज इच्छा हुई है तो मतलब आप ओवुलेशन से अभी अभी गुजरी है।
ओवुलेशन की पहचान


  • ओवुलेशन जानने के तरीके गर्भाशय ग्रीवा में गाढ़ापन होना जिससे शुक्राणु को अंदर जाने में सहज रहे, आपने महसूस किया होगा इन दिनों योनि में बहुत चिकनाहट ओर सफेदी जैसा लगता है। 
  • यह आपको  जानने में थोड़ा समय लगेगा। आप एक चार्ट बना सकती है और मासिक चक्र के दौरान होने वाले परिवर्तनो को महसूस कर लिख सकती है । 
  • लार की ओर मूत्र की जाँच करवा सकती है। 
  • गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती है और बहुत गीली रहती है। 

निष्कर्ष 
यहाँ ovulation kab aur kaise hota hai से सबंधित बताई गयी जानकारी सामान्य है, अपने डॉक्टर का परामर्श अति आवश्यक है।