कब होती है कालामोतिया(ग्लूकोमा) होने की संभावना जाने आयुर्वेदिक उपचार


ग्लूकोमा (कालामोतिया) के लक्षण व उपचार - Glaucoma symtoms and treatment in hindi
glucoma ka upchar



ग्लूकोमा का आयुर्वेदिक इलाज ग्लूकोमा जिसे कालामोतिया भी बोलते है आँखों की एक बीमारी है जो हमारी ऑप्टिक नर्व को छति पहुँचाती है।  हमारी आँख एक कैमरे की भांति कार्य करती है, जो भी हम देखते है उसका सिग्नल दिमाग तक ऑप्टिक नर्व ही ले जाती है।  आँखों का सामान्य दबाव 12 से 21 mm Hg होता है।  इससे ज्यादा दबाव पड़ने पर ग्लूकोमा होने की संभावना हो जाती है। 
आधुनिक दवाओं और तकनीकों से गुलकोमा  के मरीजों को काफी राहत मिल रही है।


कालामोतिया के प्रकार - Types of Glaucoma in Hindi 


1 - ओपन एंगल ग्लूकोमा (Open Angle Glaucoma)


सबसे अधिक लोगो में इसी प्रकार का ग्लूकोमा होता है बहुत धीरे -धीरे  इसके लक्षण विकसित होता है।  आँख का जो सामने वाला भाग होता है उसे एंटीरियर चैम्बर कहते है इसके अंदर और बाहर लगातार एक स्पष्ट तरल पदार्थ मौजूद रहता है।  यह तरल पदार्थ जब लगातार बनता है जिससे आँखों पर दबाव का एक स्तर बढ़ जाता है और ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुँचता है।  ओपन एंगल ग्लूकोमा में शुरुवात में कोई लक्षण प्रकट नहीं होते  है रोग बढ़ने के साथ ही दृष्टि कम होने लगती है। 


ओपन एंगल ग्लूकोमा(Genetic Glaucoma) होने कारण -

हाई ब्लड प्रेसर
आँखों पर उच्च दबाव
कार्निया का पतला होना
बढ़ती आयु
शुगर
अधिक निकट दृष्टि दोष
आँखों की सर्जरी हुई हो या चोट लगी हो
ऑप्टिक नर्व का असमान्य होना
कॉर्टिकोस्टेरॉइड का अधिक् उपयोग जैसे इन्हेलर, eyedrops


2 - तीव्र एंगल क्लोज़र ग्लूकोमा (Acute Angle Closer Glaucoma)


 इस प्रकार का ग्लूकोमा तब होता है जब आयरिस यानि आँख का जो भूरा भाग का ड्रेनेज एंगल अवरुद्ध हो जाता है, तो आँख का दबाव एकदम से बढ़ जाता है जिसे एक्यूट एंगल क्लोज़र कहते है जो एक आपात की स्थित होती है यानि अचानक।

एक्यूट एंगल ग्लूकोमा के लक्षण (Symptoms of Acute Glaucoma)

अचानक से धुंधला दिखना
सिर में दर्द होना
आँखों में तेज दर्द
उलटी होना
रौशनी में देखने पर चारों ओर इंद्रधनुष जैसे रंग दिखना
आँखे लाल होना


३- सामान्य दबाव ग्लूकोमा (Normal Pressure Glaucoma)

इस ग्लूकोमा में आँखों पर दबाव तो सामान्य होता है लेकिन ऑप्टिक नर्व(optic nerve) को छति होती है।


4 - ग्लूकोमा सस्पेक्ट (Suspect Glaucoma)


ये वाला ग्लुकोमा  उनको होता है जिनमे ग्लूकोमा के कोई लक्षण प्रकट नहीं होते है लेकिन आँखों पर दबाव हमेसा अधिक  रहता है।  डॉक्टरी भाषा में इसे ऑक्युलर हाइपरटेंशन कहते है।  इससे आगे भविष्य में ग्लूकोमा होने की संभावना बढ़ जाती है।


5- जन्म जात ग्लूकोमा(Genetic Glaucoma)

ग्लूकोमा के इस प्रकार में ट्रबॅक्युलर तंत्र(Trabecular Mashwork)  में रुकावट होने लगती है जिससे  तरल पदार्थ निकलता  है यह वंशानुगत(genetic) दोष हो सकता है या गर्भावस्था में असामान्य विकास के कारण। 


ग्लूकोमा होने की संभावना कब हो सकती है  - Causes of Glaucoma in hindi



  • घर में पहले से किसी को ग्लूकोमा हो
  • आँखों पर हर वक्त सामान्य से अधिक दबाव हो
  • 40 से अधिक आयु वालों में
  • मायोपिया एवं हाइपरोपिया होना
  • कार्निया की मोटाई काम होना
  • चश्मे उतरने का ऑपरेशन हुआ हो
  • आँखों में चोट लगी हो


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ग्लूकोमा का आयुर्वेदिक इलाज - ayurvedic treatment of kalamotia in hindi


आंवले और गाजर(carrot) का जूस पिए यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में असरदार होता है।  
गाये के देसी घी भी आँखों के लिए लाभदायक होता है। 
आखों की रौशनी तेज करने वाले व्यायाम करें।  
अंजीर खाये। 
काली मिर्च और मिश्री मिलाकर खाये। 
त्रिफला और गिलोय का चूर्ण बनाकर पानी के साथ सेवन करे। 

3 ग्राम थोड़े बड़े मोती के चूर्ण को 12 ग्राम सुरमे में मिलाये जब घुल जाये तो प्रतिदिन सोते समय रात को लगाए।  लगाने के सबंध में डॉक्टर से जरूर बात करे। 

500-500 ग्राम भृंगराज का पूरा पौधा व बिना गुठली वाला सूखा आंवला को, 200 ग्राम सूखा गोरखमुंडी का फूल , 100 ग्राम हरीतकी और 200  पुनर्वा की जड़ को आपस में पीसकर चूर्ण बना लें। इसके बाद इसे काले पत्थर वाले खरल में 100 मिलीलीटर मेहंदी के पतों के रस और 250 ग्राम अमरलता के रस के साथ मिलाये।  अब 25 ग्राम कपड़छान चूर्ण को भल्लातक में मिलाकर  तब तक कढ़ाई में गर्म करे जब तक यह सूख न जाये।  फिर छान कर रख ले और स्थिति के अनुसार 2 से 4 ग्राम सुबह खाली पेट गोमूत्र के साथ ले।  

ग्लूकोमा या कालामोतिया  की रोकथाम - Prevention of Glaucoma in hindi

कालामोतिया न हो इसके लिए इन तरीकों से बचाव करना चाहिए -
  • व्यायाम करना अपनी आदत में शुमार करे, इसे  इंट्राओक्युलर प्रेसर कम होता है और शरीर, आँखों में रक्त के प्रवाह को बेहतर करता है साथ ही स्वस्थ्य भी फिट रहता है।
  •  खानपान की सही आदत डालें धूम्रपान न करें, आँखों पर अधिक जोर पड़ने वाले कार्य कम  करें।
  • आँखों की समय-समय पर जाँच करवाते रहे जिससे शुरुवाती लक्षण में ही उपचार किया जा सके।
  • डॉक्टर अनुसंशित की गयी ड्रॉप्स को डालने में लापरवाही न करें।


आँखों का परीक्षण करवाते रहे -
35 से 40 काम आयु के लोग हर एक या  4 साल में
40 से 55 की आयु में हर एक से तीन साल के अंदर करवाए
55 से 65 आयु के लोग हर दो साल में
65  की आयु के बाद हर एक साल में



ग्लूकोमा का आधुनिक  इलाज - Modern Treatment of Glaucoma in Hindi


ग्लूकोमा से बचाव संभव है पर देर न करें नेत्र विशेषज्ञ से मिले क्योंकि मरीज की बीमारी जरुरत के हिसाब से दवाओं से, लेजर सर्जरी और पारम्परिक(traditional) सर्जरी से इलाज की जाती है।


चिकित्सक के द्वारा शुरुआत में ऑय ड्रॉप्स भी दी जा सकती है ताकि आँखों से निकलने वाले तरल पदार्थ में सुधार किया जा सके। जिससे आँखों पर दबाव कम किया जा सके। 

  अधिकतर लोगो का दवाओं से ही रुक जाता है जिनको एंगल क्लोज़र ग्लूकोमा होता है उनका लेजर इरीडक्टमी से किया जाता है।  अगर दवाओं और लेजर दोनों से ग्लूकोमा ठीक  नहीं होता है तो ऑपरेशन किया जाता है अब नयी दवाओं से उपचार होने लगा है।


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ग्लूकोमा की पहचान के लिए जाँच  - Glaucoma Test in Hindi


आँख के दबाव की जाँच
आँख के ड्रेनेज एंगल की जाँच (गोनियोस्कोपी )
ओसीटो से ऑप्टिक तंत्रिका की जाँच
कार्निया की मोटाई (पकिमेट्री) की जाँच


निष्कर्ष 

ग्लूकोमा के आयुर्वेदिक या किसी भी इलाज का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले।  यहाँ पर दी गयी जानकारी समान्य है।